सामना संवाददाता / मुंबई
गोविंदा पथक जितना ऊंचा पिरामिड लगाते हैं, उससे कई गुना ऊंचा झूठ ये सरकार, मुख्यमंत्री और उनके दो उपमुख्यमंत्री बोलते हैं। दो साल पहले गोविंदाओं को पांच फीसदी आरक्षण देने की घोषणा हुई, लेकिन आज तक उसका शासनादेश कागजों पर नहीं पहुंचा है। लाभ देने की बात दूर रही। यदि देने की नीयत ही नहीं है तो घोषणा किसलिए करते हो? इस तरह का सवाल करते हुए विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि मेरा आह्वान है कि गोविंदा ऐसे झूठों के हाथों एक भी पुरस्कार न लें।
असंवैधानिक घाती सरकार का गठन के बाद घोषणा की थी कि दही-हंडी को साहसिक खेल का दर्जा दिया जाएगा और अन्य खेलों की तरह पांच प्रतिशत खेल आरक्षण का लाभ भी मिलेगा। विधानसभा में बड़े-बड़े दावे करने वाले मुख्यमंत्री अपनी ही घोषणा भूल गए हैं। दो साल बाद भी सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। इसे लेकर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है।