सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में पिछले तीन वर्षों से प्रदूषण को लेकर समस्याएं बढ़ी हैं। वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल प्रदूषण भी तेजी से बढ़ा है, इसे लेकर शिकायतें भी खूब हुई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन सालों में मुंबई में वायु प्रदूषण को लेकर शिकायतों में लगभग ३०० गुना वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं एक निजी संस्था की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले तीन वर्षों में मुंबई में हवा की गुणवत्ता २२ फीसदी तक कम हो गई है। ऐसे में मुंबईकरों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है और मुंबइकरों की लाइफ पीरियड पर इसका भारी असर दिख रहा है।
मुंबई में वायु प्रदूषण को लेकर प्रजा संस्थान की ओर से एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है वर्ष २०२० से पिछले वर्ष तक मुंबई में वायु प्रदूषण को लेकर जनता की शिकायतों में वृद्धि हुई है। २०१९ और २०२३ के बीच मुंबई और आस-पास के इलाकों से वायु प्रदूषण की शिकायतों में ३०५ प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है, जबकि ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों में १८३ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वर्ष २०१४ में प्रदूषण की १३५ शिकायतें दर्ज की गई थीं, जबकि २०२३ में ७६० शिकायतें दर्ज की गई हैं। इस बीच मुंबई में हवा की गुणवत्ता २२ फीसदी तक कम हो गई है।
बता दें कि कुछ महीने पहले मुंबई की हवा की गुणवत्ता खराब हो गई थी और कई इलाकों में हवा बहुत खराब होने की खबर आई थी। लोगों के स्वास्थ्य पर असर दिखने लगा था। लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी थी। इसके चलते मुंबई और आसपास के शहरों में शीतकालीन बुखार और डेंगू के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई। इससे बड़ी संख्या में लोग सांस की बीमारियों से पीड़ित हो गए।
मनपा में शिकायतें बढ़ीं
इसके अलावा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में २०१४ में ७,३३१ शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि २०२३ में २४,६९० शिकायतें दर्ज की गईं। जल आपूर्ति के संबंध में २०१४ में ७,६४५ शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि २०२३ में १४,७५२ शिकायतें दर्ज की गईं।