प्रेम यादव / भायंदर
भायंदर-पश्चिम के मैंग्रोव बाधित क्षेत्र में अवैध रूप से भराव किए जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में दो जमीन मालिकों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत भायंदर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
भायंदर-पश्चिम में बड़ी मात्रा में निजी स्वामित्व की खुली जमीन है। पहले इस क्षेत्र में नमक उत्पादन का काम किया जाता था, लेकिन कई वर्षों से यह काम बंद हो गया है। जमीन मालिक इस जमीन को उपयोगी बनाने के लिए मैंग्रोव बाधित क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगहों पर भराव कर रहे हैं। मुंबई हाई कोर्ट और राजस्व विभाग से मैंग्रोव बाधित क्षेत्र को छोड़कर अन्य स्थानों पर भराव की अनुमति भी दी गई है। पिछले छह महीनों से हजारों ट्रकों की मदद से मिट्टी भराव का काम जारी है, जिससे स्थानीय लोग धूल और वाहनों की आवाजाही से परेशान हो रहे हैं।
इस बीच, पर्यावरण प्रेमियों ने शिकायत की कि जमीन मालिक नियमों का उल्लंघन कर मैंग्रोव बाधित क्षेत्र में भी अवैध रूप से भराव कर रहे हैं। हाल ही में हुए निरीक्षण में यह पाया गया कि मैंग्रोव बाधित क्षेत्र से ५० मीटर की दूरी पर भराव या निर्माण कार्य करने की मनाही के बावजूद १,००० ब्रास से अधिक अवैध भराव किया गया है। इस जांच के आधार पर अपर तहसीलदार निलेश गौंड की शिकायत पर भायंदर पुलिस थाने में जमीन मालिकों, द स्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी और मीरा रियल एस्टेट डेवलपर्स के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।