सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव मुहाने पर आ पहुंचा है। राज्य में किसी भी समय चुनाव की घोषणा हो सकती है। ऐसे में प्रदेश में मुख्यमंत्री, दोनों उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने कानून की अनदेखी करते हुए सड़कों और फुटपाथों पर अवैध तरीके से होर्र्डिंगबाजी की है। इस बात की जानकारी कल कोर्ट के संज्ञान में लाया गया। इस पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए हाई कोर्ट ने बिना देर किए पूरे राज्य भर में विशेष अभियान चलाकर १० दिनों के भीतर सभी अवैध होर्डिंगों को हटाने का सख्त आदेश मनपा, नगर परिषद और ग्राम पंचायतों को दिया है।
विकास का अवैध दिखावा करने वाली ‘घाती’ सरकार के लिए हाई कोर्ट की ओर से यह बड़ा झटका लगा है। अवैध होर्डिंग की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए सुस्वराज्य फाउंडेशन के एड. उदय वारुंजीकर, एड.मनोज कोंडेकर, एड. मनोज शिरसाट के जरिए जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। साथ ही कुछ अवमानना याचिकाएं भी दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। ऐसे होर्डिंगों को रोकने के लिए कोर्ट इससे पहले कई आदेश दे चुका है। इन आदेशों का पालन करने में मनपा और सरकारी यंत्रणा पूरी तर से नाकाम साबित हुई है। इस तरह का दावा याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. उदय वारूंजीकर और एड. मनोज शिरसाट द्वारा किया गया। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं।