सामना संवाददाता /नई दिल्ली
मोदी सरकार कितनी भी नौकरियां देने की बात कह ले पर सच तो यह है कि वह देश के नौजवानों को नौकरियां देने में फिसड्डी है। ऐसा संदेश देते हुए आईएमएफ ने दिया है कि इस क्षेत्र में हिंदुस्थान जी२० देशों की तुलना में काफी पीछे है।
२०३० तक १४८ मिलियन नौकरियों की जरूरत
भारत को लेकर आईएमएफ ने कहा
आईएमएफ की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ इस समय भारत के दौरे पर हैं। गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत को आज से २०३० के बीच ६० मिलियन से १४८ मिलियन नौकरियां बनानी होंगी। इससे पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार ने आर्थिक सर्वे के जरिए कहा था कि भारत को ८ मिलियन नई नौकरियां आनेवाले एक दशक में बनानी होंगी। आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। गीता गोपीनाथ ने कहा कि मानसून इस बार अच्छा रहा है। ऐसे में हम अच्छी कटाई की भी उम्मीद कर रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की कमाई में इजाफा होगा। ग्रामीण इलाकों में एफएमसीजी सेक्टर का भी प्रदर्शन बेहतर हुआ है। बता दें कि आईएमएफ ने वित्त वर्ष २०२४-२५ के लिए भारत की जीडीपी प्रोजेक्शन को ६.८ प्रतिशत से बढ़ाकर ७ प्रतिशत कर दिया है। यह भारत सरकार के ६.५ प्रतिशत के प्रोजेक्शन से भी अधिक है।