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लद्दाख में लेह से अधिक कारगिल के मतदाताओं ने डाले वोट

सुरेश एस डुग्गर / जम्मू

पांच अगस्त 2019 को जन्म लेने वाले लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेश में लेह से ज्यादा मतदान कारगिल में हुआ है। लद्दाख में तीन बजे तक 61.26 प्रतिशत मतदान हुआ था।
लद्दाख में 577 मतदान केंद्र बनाए गए थे और करीब छह हजार चुनाव एवं और सुरक्षाकर्मी मतदान केंद्रों पर पहुंचे थे। लेह जिले में सियाचिन ग्लेशियर में पाकिस्तान से लगती एलओसी के पास महज 20 किलोमीटर की दूरी पर हानले के फू में भी मतदान केंद्र बनाया गया था। यह समुद्र तल से 15 हजार फीट पर दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर मतदान केंद्र बनाया गया था।
लद्दाख लोकसभा क्षेत्र के 1,84,803 मतदाताओं में 95,928 मुस्लिम बहुल कारगिल से हैं। वहीं बौद्ध बहुल लेह जिले में 88,875 मतदाता हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के दुर्गम इलाकों तक मतदानकर्मियों को पहुंचाने की चुनौतियां भी ज्यादा थीं। लद्दाख के दो जिला लेह और करगिल में कुल 577 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। लद्दाख के सीईओ एम मरालकर यतिंद्र ने खुद कई मतदान केंद्र पर जाकर मतदान का जायजा लिया, साथ ही लोगों को अधिक से अधिक संख्या में वोट करने की अपील की थी।
वारशी गांव में महज एक परिवार के लिए एक विशेष मतदान केंद्र बनाया गया था! लद्दाख के सुदूर वारशी गांव में महज एक परिवार के लिए विशेष मतदान केंद्र बनाया गया था, जिसमें पांच मतदाता थे और सोमवार को पांच मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया।
इस सीट के लिए महज तीन उम्मीदवार ही मैदान में हैं। भाजपा ने मौजूदा सांसद की जगह ताशी ग्यालसन और कांग्रेस ने त्सेरिंग नामग्याल को मैदान में उतारा है, वहीं करगिल से स्वतंत्र उम्मीदवार हाजी हनीफा जान चुनाव लड़ रहे हैं। लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र में 1,82,571 पंजीकृत मतदाता हैं और 2019 के चुनावों में लद्दाख में सराहनीय 76.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह संसदीय सीट पर तीन उम्मीदवारों के बीच टक्कर है। भाजपा ने सीटिंग एमपी की जगह ताशी ग्यालसन और कांग्रेस ने त्सेरिंग नामग्याल को मैदान में उतारा, जबकि करगिल से स्वतंत्र उम्मीदवार हाजी हनीफा जान को नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का समर्थन हासिल है।
लद्दाख प्रदेश के लेह जिले में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिलाएं अधिक हैं। जिले लेह में 75 ऐसे मतदान केंद्र हैं, जहां मतदान करवाने की पूरी जिम्मेवारी महिलाओं के हाथ में थी। लद्दाख में महिलाएं हमेशा मजबूत रही हैं। साल 1977 में लोकसभा चुनाव में पार्वती देवी वांग्मो जीतकर क्षेत्र से पहली महिला सांसद बनी थीं। सभी चुनावों में महिलाओं की सक्रिय भूमिका रही है।

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