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महाराष्ट्र में १७२ ब्रेन डेड ने दिया ४५७ मरीजों को जीवनदान!

अंगदान में पुणे विभाग अव्वल
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ वर्षों से अंग प्रत्यारोपण सर्जरी तेजी से सफल हो रही है। ऐसे में ऑर्गन फेल्यूर वाले मरीजों में एक नई उम्मीद जगी है। इसलिए अंगों की प्रतीक्षा कर रहे रोगियों की प्रतीक्षा सूची हर साल बड़ी होती जा रही है। इसी तरह साल २०२४ में प्रदेश में १७२ ब्रेन डेड अंगदाताओं के कारण ४५७ मरीजों को जीवनदान मिला है। अंगदान के मामले में जहां पुणे अव्वल रहा, जबकि छत्रपति संभाजीनगर पीछे चला गया है।
मुंबई, पुणे, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर विभागों में अंग प्रत्यारोपण समन्वय समिति द्वारा ब्रेनडेड अंगदाताओं से मिलनेवाले अंगों का नियमानुसार वितरण किया जाता है। अंगों की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की सूची के मुताबिक, अंग दिए जाते हैं। साथ ही राज्य में इन सभी के काम की निगरानी के लिए स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू सेल ट्रांसप्लांटेशन इंस्टीट्यूट काम कर रहा है। इसी क्रम में वर्ष २०२३ में राज्य में १४९ लोगों ने अपने अंग दान किए थे। हालांकि, साल २०२४ में इसमें वृद्धि हुई। इस साल १७२ लोगों ने अपने अंग दान किए। इस बार यह संख्या २३ बढ़ गई है। राज्य में इस साल पुणे विभाग में सबसे ज्यादा ७० ब्रेन डेड लोगों ने ऑर्गन डोनेशन किया है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि ब्रेन डेड लोगों के परिजनों में अंग दान के लिए बड़े पैमाने पर जन जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।

सरकारी अस्पतालों में अरुचि
राज्य में अधिकांश ब्रेन डेड अंगदान निजी अस्पतालों से होते हैं। हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के अस्पतालों में ब्रेन डेड मरीजों के परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित नहीं किया जाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, सार्वजनिक अस्पतालों में बड़ी संख्या में ब्रेन डेड मरीज होते हैं। हालांकि, इन अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सा क्षमता की कमी के कारण अक्सर अंग दान नहीं किया जाता है। इसके अलावा कुछ खास अस्पतालों को छोड़कर सरकारी अस्पतालों में अंगदान के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किए जाते।

साल २०२४ में अंगदान
विभाग अंगदाता अंग पानेवाले मरीज
पुणे ७० १८१
मुंबई ६० १६२
नागपुर ३९ १०५
संभाजीनगर ३ ९

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