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मंगेश मामले में, शक के घेरे में ‘योगी’ की पुलिस …एक शख्स दो जगह कैसे?

-उठ रहे  हैं कड़े सवाल
सामना संवाददाता / लखनऊ
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में फंसती नजर आ रही है। यह एनकाउंटर फेक है, पुलिस ने फर्जी तरीके से वाहवाही लूटने के लिए मंगेश का एनकाउंटर किया है। यह शंका अब हकीकत में बदलते दिख रही है। दरअसल, सुलतानपुर में ज्वेलर्स के दुकान में लूट के मामले में पुलिस ने मंगेश का एनकाउंटर किया है, लेकिन वास्तव में लूट के समय मंगेश घटना से ९० किमी दूर अपने घर के पास बहन के साथ उसके स्कूल में उपस्थित था। इस संदर्भ में सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस की दरिंदगी सामने आने लगी है, जिसे लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है।
क्या है मामला
बता दें यूपी के सुलतानपुर जिले में २८ अगस्त की दोपहर जिस वक्त भरत ज्वेलर्स पर डाका पड़ा, उस वक्त के सीसीटीवी फुटेज देखकर सवाल उठने लगे हैं कि डाका डालने वाले पांच डवैâतों में से एक मंगेश यादव था या कोई और? क्योंकि ठीक उसी वक्त वो सुलतानपुर से करीब ९० किलोमीटर दूर अपनी बहन के साथ उसके स्कूल में भी मौजूद था और सबसे बड़ा सवाल यह है कि अपने तीन-तीन साथियों के एनकाउंटर की खबर मिलने के बाद भी मंगेश यादव अपने घर पर आराम से वैâसे सो रहा था। यही वजह है कि य्यूपी के लोग अब योगी की पुलिस पर सवाल उठाने लगे हैं। वे सीधे तौर पर मंगेश के एनकाउंटर को हत्या बता रहे हैं।
…तो जेल में जाएंगे अधिकारी
योगी की पुलिस मंगेश के मामले में अपनी ही कहानी में उलझकर रह गई है। पुलिस की कहानी में इतने झोल हैं कि अगर उन्हें झाड़ दिया जाए तो इस एक प्रâेम में नजर आ रहे ये सारे के सारे यूपी पुलिस के महारथी शायद एक साथ जेल में नजर आएं।

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