मध्य प्रदेश में कानून को ताक पर रखने का मामला सामने आया है। कटनी जिले में शख्स ने कटनी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उसने कहा है कि उसका नाम अजहर है, लेकिन इलाके के दबंगों ने उसे अरसद समझकर अगवा करके बेदम पिटाई की। पिटाई के बाद थाने में जाकर झूठा केस दर्ज करवा दिया। हैरानी की बात तो ये है कि पुलिस ने भी बिना जांच किए उसे जेल भेजा दिया।
पीड़ित शेख अजहर मंसूरी ने बताया कि मैं चाय पीकर घर लौट रहा था, तभी चमन चौराहे से उसे पप्पू शर्मा, निलेश रजक, रज्जाक, बल्ला संतोष केवट सहित अन्य लोगों ने मुझे अरसद बोलकर जबरन बाइक में उठा ले गए। इसके बाद एनटीआरटी में उसकी लाठी डंडे से बेदम पिटाई शुरू कर दी. मैं बोलता रहा कि मैं अरसद नहीं अजहर हूं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और पिटाई करते रहे। उसके बाद थाने लेकर गए और मेरे ऊपर अरसद के नाम से तहसीलदार के आदेश से जेल भिजवा दिया गया। मैं पुलिस वालों से लेकर मेरा स्वास्थ्य परीक्षण करने वाले डॉक्टर और सभी से बोलता रहा, मैं अजहर नहीं अरसद हूं, लेकिन किसी ने मेरी एक न सुनी।
अब जब मैं जेल से बाहर आया तो घरवालों ने बताया कि तुझे मारने के लिए लोग घर के पास घूम रहे हैं इसलिए मैं अब सभी की शिकायत करने आया हूं। हालांकि, संतोष केवट ने बताया कि महिला से छेड़छाड़ के चलते हम लोगों ने उसे पकड़ कर वैâमोर थाने ले जाकर पुलिस को सौंपा था। उसका नाम अजहर या अरसद हमें नहीं मालूम था।
इस गजब मामले को सुनकर तो कटनी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार डेहरिया का भी माथा घूम गया। उन्होंने मामले की तथ्यात्मक जानकारी एकत्रित करवाई है। इसकी जांच थाने स्तर में करवाने की भी बात कही है। मजे की बात तो ये है जिस थाना प्रभारी को अरसद और अजहर में अंतर न दिखा उसे ही मामले की जांच करने को कहा गया है। फिलहाल, देखना ये है कि इस मामले पर क्या कुछ कार्रवाई होगी।