अनिल मिश्र / पटना
गन्ना, जूट, मक्का, केला और मखाना की खेती के लिए मशहूर बिहार का सीमांचल एवं कोशी का क्षेत्र पूर्णिया पूर्वोत्तर बिहार का प. बंगाल और पड़ोसी देश नेपाल से सटा एक बहुत बड़ा शहर है। 14 फरवरी 1770 को ही इसे पूर्ण जिला का दर्जा प्राप्त हुआ था। यहां की राजनीति स्थानीय मुद्दे पर ही घुमती रही है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही यहां के राजनीतिक परिदृश्य बदल गए, जिसके कारण ही आज बिहार में लोकसभा के पड़ने वाले चालीस सीट में सबसे ज्यादा सूबे ही नहीं देश की नजर इस सीट पर जमी हुई है।
लोकसभा के चालीस में से चार सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण में निर्विघ्न चुनाव संपन्न हो गए हैं। साथ हीं चार लोकसभा क्षेत्र से 38 प्रत्याशियों के भाग्य के फैसले ईवीएम में बंद होकर रह गए हैं, वहीं दूसरे चरण के मतदान 26 अप्रैल को दिन शुक्रवार को बिहार के पांच लोकसभा क्षेत्र में होंगे। इन पांच लोकसभा क्षेत्र में बिहार के कोशी, अंग और सीमांचल के भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और बांका क्षेत्र हैं। शुक्रवार को होने वाले इन संसदीय क्षेत्र के मतदान के लिए आज शाम प्रचार कार्य समाप्त हो गए हैं। वहीं इन क्षेत्रों में निर्विघ्न चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग और प्रशासन के लिए कड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य है। पूर्णिया लोकसभा सीट की निगाह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी बड्डेरा सहित लगभग सभी दलों के नेताओं जहां लगी हुई है, जबकि यह पूर्णिया सीट राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव के साथ-साथ राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है।
पूर्णिया लोकसभा सीट से तीन बार जीतकर पप्पू यादव लोकसभा पहुंचे हैं। एक बार मुलायम सिंह यादव के समाजवादी पार्टी से वहीं दो बार निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीतकर लोकसभा में पूर्णिया का प्रतिनिधित्व किया है। इस बार भी अठारहवीं लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव पूर्णिया के रास्ते लोकसभा पहुंचने को लालायित हैं। इसी बजह से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव अपने जन अधिकार पार्टी का विलय राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस में कर दिया, लेकिन यह सीट बिहार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने पप्पू यादव के बार -बार कहने के बावजूद अपने कोटे में रखा। इतना हीं नहीं कभी जनता दल युनाइटेड के वरिष्ठ नेता एवं नीतिश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल बीमा भारती ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होकर पूर्णिया सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
पिछले दस साल से जनता दल युनाइटेड के सांसद रहे संतोष कुशवाहा तीसरी बार लोकसभा पहुंचने की तैयारी में हैं, जबकि गरीबों, किसानों एवं सभी वर्गों में लोकप्रिय पप्पू यादव ने राहुल गांधी के आश्वासन के बावजूद टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। कभी पप्पू यादव राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के संकटमोचक रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा होकर इंडिया गठबंधन के साथ-साथ राष्ट्रीय जनता दल के लिए आंख के किरकिरी बन गए हैं, जिसके कारण ही सोमवार को पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के कटिहार के कोढा विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि आप इंडिया गठबंधन को चुनिए। अगर आप इंडिया गठबंधन की बीमा भारती को नहीं चुनते हैं तो साफ बात है कि आप एनडीए को चुनें। तेजस्वी ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि किसी धोखे में नहीं रहना है। यह किसी एक व्यक्ति का का चुनाव नहीं है।
तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा या तो इंडिया या एनडीए। इसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं ने तेजस्वी को घेरते हुए कहा कि तेजस्वी हार मान गए हैं, इसलिए हताश होकर इस तरह सार्वजनिक मंच से बोल रहे हैं। वहीं पप्पू यादव के समर्थकों ने कल तेजस्वी के रोड़ शो में उनके काफिले पर हमला कर गाड़ी में तोड़-फोड़ करते हुए पप्पू यादव के समर्थन में नारे लगाए। इस घटना में राष्ट्रीय जनता दल के राज्य सभा सांसद मनोज झा के घायल होने की भी सूचना है, जबकि पप्पू यादव ने कहा कि मैं पूर्णिया के लोगों से वादा किया है कि मैं उनके लिए लड़ेंगे। यह मेरे लिए जीवन और मृत्यु का सवाल है। साथ ही पप्पू यादव ने कहा कि हमारे हराने की कोशिश राजा द्वारा किया जा रहा है, लेकिन जनता मेरे साथ है।
पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा आते हैं। पूर्णिया, रुपौली, धमदाहा, बनमखी, कसना और कोढा विधान सभा, वहीं 60 फीसदी हिंदू और 40 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य यह लोकसभा क्षेत्र में डेढ लाख यादव, सवा लाख राजपूत सवा लाख ब्राह्मण, पांच लाख एससी, एसटी, बीसी एवं ओबीसी के साथ-साथ एक लाख अन्य के साथ सात लाख मुस्लिम मतदाता हैं। अब 4 जून को ही मतगणना के दिन पता चल पाएगा कि तेजस्वी के अपील को मतदाता मानते हैं अथवा पप्पू यादव निर्दलीय के रूप में चौथी बार लोकसभा में दाखिल होते हैं, अन्यथा मोदी की गारंटी या नीतीश के काम पर संतोस कुशवाहा को वोट किया।