अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
आए दिन किसी न किसी विवाद में रहने वाला उल्हासनगर का मध्यवर्ती अस्पताल एक बार फिर से विवाद के घेरे में घिर गया है। मामला कुछ ऐसा है कि महाराष्ट्र सरकार ने मरीजों को अच्छी सेवा करने का हवाला देते हुए 108 एंबुलेंस शुरू की है। यह एंबुलेंस सेवा को एक मरीज को ठाणे के कलवा अस्पताल ले जाने के लिए फोन किया गया। आश्चर्य की बात है कि एबुलेंस 6 घंटे में भी अस्पताल नहीं पहुंच सकी। एंबुलेंस का इंतजार करते-करते मरीज की जान चली गई। इस घटना की गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता शिवाजी रगडे ने ईडी सरकार से मांग की है कि जांच कर दोषी एंबुलेंस के ठेकेदार पर कार्रवाई की जाय।
शिवाजी रगड़े ने बताया कि उल्हासनगर कैंप नंबर 2 के हर्षवर्धन नगर में रहने वाले राहुल इधाते नामक युवक की तबीयत खराब होने पर मध्यवर्ती अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया। राहुल की स्थिति और खराब होने लगी। मध्यवर्ती अस्पताल के डॉक्टर ने मरीज को ठाणे के कलवा अस्पताल मे ट्रांसफर किया। अस्पताल प्रशासन की तरफ से 108 एंबुलेंस को फोन करके सूचना दी।परंतु एंबुलेंस 6 घंटे में भी मरीज के पास नहीं पहुंची। अंत में राहुल इधाते की मौत हो गई। शिवाजी रगड़े ने एंबुलेंस मुहैया करने वाली कंपनी पर कार्रवाई की मांग की है।
आगे बताया गया कि मध्यवर्ती अस्पताल की हालत दयनीय है। कभी लाइट घंटों बंद रहती है तो कभी डॉक्टर, कभी दवा के अभाव में मरीज मर रहे हैं। अस्पताल में गंदगी से लगता ही नहीं कि यह अस्पताल है। अस्पताल की दुरावस्था महायुति के वादे, घोषणाओं की पोल खोल कर रख दिया है। मुफ्त दवा की घोषणा तो है, पर अन्य सुविधा नदारथ है।