- कुलाधिपति सुरेश जैन की रही उल्लेखनीय मौजूदगी
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर की वाइस चांसलर डॉ. रेनू जैन ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, भारत विश्व गुरु है। भारतीय ज्ञान परंपरा का उद्देश्य चिंतन और मनन करना है। लार्ड मैकाले शिक्षा नीति ने भारत की शिक्षा पद्धति को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने ऋग्वेद में उल्लेखित सिद्धांतों की विस्तार से चर्चा की। भारतीय ज्ञान परंपरा के उत्तरोत्तर विकास को बताते हुए राष्ट्रीय स्वाभिमान के संरक्षण और अभिवृद्धि के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन की आवश्यकता बताई। डॉ. रेनू तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में इंडियन नॉलेज सिस्टम- आईकेएस सेंटर के उद्घाटन मौके पर भारतीय ज्ञान परंपरा और जैन साहित्य पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इससे पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर की वाइस चांसलर डॉ. रेनू जैन ने बतौर मुख्य अतिथि, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के फॉर्मर प्रो वाइस चांसलर एंड पदम भूषण प्रो. कपिल कपूर बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर ऑनलाइन, कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह, सेंटर ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टम, टीएमयू के प्रोफेसर चेयर प्रो. अनुपम जैन, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन आदि ने दीप प्रज्ज्वलन के संग कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। डिवीजनल मैनेजर केनरा बैंक श्रीमती ममता अग्रवाल की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। इसके बाद तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में इंडियन नॉलेज सिस्टम- आईकेएस सेंटर का मुख्य अतिथि डॉ. रेनू जैन और कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इसके बाद आईकेएस के लोगो और लाइब्रेरी का भी उद्घाटन हुआ। इस मौके पर वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन की भी मौजूदगी रही। रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, जबकि डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर भारतीय ज्ञान परंपरा सेंटर के ब्रॉशर के संग-संग आईकेएस की छह मासिक शोध पत्रिका श्रुत और सीटीएलडी की पत्रिका जिज्ञासा का विमोचन भी किया गया। संचालन असिस्टेंट डायरेक्टर, एकेडमिक्स श्रीमती नेहा आनंद ने किया।