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सावन के पहले ही सोमवार के दिन बन रहा है पंचक जैसा अशुभ योग-पंडित अतुल शास्त्री

सावन माह में सोमवार के दिन व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है और इस दिन देवों के देव यानी महादेव की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के साथ त्रिमूर्ति रूप में भी जाने जाते हैं, जो ब्रह्माण्ड के सृष्टि, स्थिति और संहार का संचालन करते हैं। ज्योतिष पंडित अतुल शास्त्री बताते हैं कि सोमवार के दिन शिवजी की पूजा और व्रत रखने से जातक को विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो व्यक्ति को संकटों से मुक्ति दिलाती है। इसके अलावा सावन महीने में सोमवार को व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन में सफलता, स्वास्थ्य, सुख, शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही सोमवार के व्रत के दौरान भक्त शिवजी की भक्ति करते हुए मन, वचन और काया से उनकी पूजा करते हैं, जो उन्हें उनके जीवन के संघर्षों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। सावन महीने में सोमवार को व्रत रखने से व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है, जो उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। ज्योतिष पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि सावन के पहले सोमवार के दिन पंचक जैसा अशुभ योग बन रहा है। वहीं सुकर्मा योग और रेवती नक्षत्र भी रहेगा, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा सावन के पहले सोमवार के दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भी है। अष्टमी तिथि को रुद्रावतार बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है। इस तरह इस दिन शिव पूजा का विशेष संयोग बन रहा है। ६ जुलाई २०२३, गुरुवार की दोपहर १ बजकर ३८ मिनट से पंचक शुरू हो गए हैं, जो कि १० जुलाई २०२३ की शाम ६ बजकर ५९ मिनट पर समाप्‍त होंगे। इस तरह सावन के पहले सोमवार १० जुलाई २०२३ पर पंचक का साया रहेगा। ऐसे में लोगों के मन में यह आशंका है कि पंचक में सावन सोमवार की पूजा-अभिषेक वैâसे करें। ज्‍योतिष पंडित अतुल शास्त्री के अनुसार, चूंकि पंचक की शुरुआत गुरुवार से हुई है, लिहाजा ये हानिकारक नहीं है‌। सावन के पहले सोमवार को पंचक होने के बाद भी लोग बिना किसी रुकावट के शिवजी की पूजा व अभिषेक कर सकेंगे। सावन के पहले सोमवार पर सुकर्मा योग दोपहर १२ बजकर ३४ मिनट से है, जो पूरी रात रहेगा। शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त सुबह ११ बजकर ५९ मिनट से दोपहर १२ बजकर ५४ मिनट तक है। सावन के पहले सोमवार को शिववास गौरी के साथ है, तभी रुद्राभिषेक किया जाता है।
अपनी राशि के अनुसार,भगवान शिव को चढ़ाएं ये चीजें:
मेष राशि : सावन के सोमवार के दिन आप शिव जी को जल, दूध, शहद, बेल पत्र, अर्ध कमल, दही, चावल और घी आदि अर्पित कर सकते हैं।
वृषभ राशि : इस राशि के लोग भगवान शिव को दूध, घी, शहद, बेल पत्र, धूप अर्पित कर सकते हैं।
मिथुन राशि : आप भगवान शिवजी को धूप, दही, बेल पत्र, जल, अर्ध कमल अर्पित करें।
कर्क राशि : शहद, बेल पत्र, दूध भगवान शिव को अर्पित करना आपके लिए शुभ है।
सिंह राशि : इस राशि के लोगों को शहद, बेल पत्र, धूप, दूध भगवान शिव को चढ़ाने चाहिए।
कन्या राशि : दूध, घी, शहद, बेल पत्र भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करें।
तुला राशि : धूप, शहद, दूध, बेल पत्र, अर्ध कमल, जल, चावल और घी भगवान शिव को अर्पित करें।
वृश्चिक राशि : जल, बेल पत्र भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करना आपके लिए शुभ है।
धनु राशि : शहद, दूध, बेल पत्र, धान्य, जल, अर्ध कमल, दही, चावल और घी आपको भगवान शिव को चढ़ाने चाहिए।
मकर राशि : इस राशि को शहद, बेल पत्र, धूप, दूध भगवान शिव को चढ़ाने चाहिए।
कुंभ राशि : जल, बेल पत्र भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करना आपके लिए शुभ है।
मीन राशि : आप भगवान शिवजी को धूप, दही, बेल पत्र, जल, अर्ध कमल अर्पित करें।

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