मुख्यपृष्ठनए समाचार"आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया...महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था डगमगाई...कर्ज में डूबता भविष्य!"

“आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया…महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था डगमगाई…कर्ज में डूबता भविष्य!”

-राज्य की आर्थिक हालत गंभीर…आय से ज्यादा खर्च…कर्ज का बढ़ता बोझ!

राजन पारकर / विधान भवन 

महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। राज्य सरकार की आय से अधिक खर्च होने के कारण वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। सरकार को बड़े पैमाने पर कर्ज लेना पड़ रहा है और उसमें से भी भारी रकम ब्याज चुकाने में जा रही है। ऐसे में पूंजीगत खर्च के लिए सरकार को नए कर्ज पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से सामने आई सच्चाई
2024-25 में राज्य की अनुमानित राजस्व प्राप्ति : 4,99,463 करोड़ रुपए
अनुमानित राजस्व व्यय : 5,19,514 करोड़ रुपए
कर, गैर-कर राजस्व और केंद्र से अनुदान : 4,19,972 करोड़ और 79,491 करोड़ रुपए
जनवरी 2025 तक वास्तविक राजस्व संग्रह : 3,81,080 करोड़ रुपए (जो बजट अनुमान का मात्र 76.3% है)
राज्य के सकल उत्पादन का 17.3% हिस्सा कर्ज और ब्याज चुकाने में खर्च
राजकोषीय घाटा : 2.4% व राजस्व घाटा : 0.4%
वार्षिक कर्ज योजना : 7,25,000 करोड़ रुपए
कृषि क्षेत्र: 24.4%
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) क्षेत्र : 60.7%
सरकार की यह वित्तीय स्थिति चिंता का विषय बन गई है। अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट और गहरा सकता है, जिससे विकास कार्य ठप हो सकते हैं और राज्य की आर्थिक स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।

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