सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है साथ ही आवारा कुत्तों द्वारा इंसानों पर हमले की भी घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले तीन सालों यानी साल २०२० से लेकर २०२३ तक मुंबई में कुत्तों के काटने की ३,५०८ घटनाएं हुई हैं। यह मामला सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के जरिए सामने आया है। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से केवल एक मामला घरेलू कुत्तों से संबंधित है, जबकि बाकी मामलों में आवारा कुत्ते शामिल हैं।
मनपा के उपाय हो रहे असफल
मुंबई मनपा आवारा कुत्तों के लिए रेबीज टीकाकरण को लेकर लगातार अभियान चला रही है। साथ ही आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी भी की जाती है। पिछले कुछ वर्षों में आवारा कुत्तों में आक्रामकता बढ़ी है और काटने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। परिणामस्वरूप, सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि होने की संभावना अधिक है। आवारा कुत्तों के काटने के साथ-साथ २०२०-२३ की अवधि के दौरान पालतू कुत्तों के लाइसेंस जारी करने में भी वृद्धि हुई है। इस अवधि में कुल १९ हजार १५८ लाइसेंस जारी किए गए हैं, साथ ही साल २०२० में २५८१लाइसेंस जारी किए गए।
नहीं हो रहा उचित देखभाल और प्रबंधन
बताया जा रहा है कि लाइसेंस की संख्या बढ़ने के बावजूद उचित सावधानी नहीं बरती जा रही है। इस अवधि में केवल ४९ पालतू पशु मालिकों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं, कुत्ते के काटने की घटनाएं २०२० में ६१० से बढ़कर २०२३ में १,१२३ हो गर्इं। इस बारे में एक पशु प्रेमी का कहना है कि उचित देखभाल और प्रबंधन के बिना आवारा कुत्तों की संख्या में अनियंत्रित वृद्धि से निवासियों पर हमलों का खतरा बढ़ जाता है।