ई-वाहनों को मिले प्राथमिकता
ईंधन की बढ़ती कीमत है मुख्य वजह
सामना संवाददाता / मुंबई
वायु-प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन एक बेहतर विकल्प है। इससे राज्य में नागरिकों की ई-कार और बाइक खरीदने की प्रवृत्ति बदल रही है। वर्तमान में राज्य में ४ लाख ६२ हजार ३७७ ई-वाहन रजिस्टर हुए हैं। दोपहिया वाहनों की संख्या तीन लाख से अधिक है। खास बात यह है कि पुणे में सबसे ज्यादा ७४ हजार ४०७ ई-वाहन हैं।
पेट्रोल-डीजल की महंगाई है मुख्य वजह
र्इंधन की बढ़ती कीमतें और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा के लिए देश में ई-वाहनों की मांग बढ़ रही है। पिछले दो साल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी बढ़ी है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रति किलोमीटर औसतन एक से डेढ़ रुपए का खर्च आता है। इसलिए सीएनजी और पेट्रोल-डीजल र्इंधन की लागत को अप्रभावी बना देते हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रति नागरिकों की प्रवृत्ति बढ़ने के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता मिलने लगी है। सरकार सहित कुछ निजी कंपनियां भी कर्मचारियों को ‘ई’ वाहनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। महाराष्ट्र में अब देश में सबसे अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक बाइक पंजीकृत हैं। देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री साल २०३० तक ८० प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।
ई-वाहनों को दी जाए प्राथमिकता
पिछले कुछ वर्षों में ई-वाहनों की लोकप्रियता और मांग बढ़ रही है। चार्जिंग तक आसान पहुंच, राज्य और केंद्र सरकारों से सब्सिडी ने नागरिकों का रुझान ई-वाहनों की ओर बढ़ाया है।
मुंबई सहित राज्य भर में काम, व्यवसाय, कॉलेज और अन्य गतिविधियों के लिए रोजाना ३०-४० किलोमीटर की यात्रा करने वाले युवा इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा चालक सीएनजी की जगह ई-रिक्शा चलाना पसंद कर रहे हैं। ओला और उबर जैसे यात्री वाहनों के लिए भी ‘ई’ वाहनों की मांग बढ़ी है।
पिछले वर्ष पंजीकृत ई-वाहन-१ लाख ९४ हजार १८७
जनवरी से मार्च २०२४-२८ हजार ४२२
पुणे में सबसे ज्यादा ७४ हजार ४०७ ई-वाहन पंजीकृत
राज्य में कुल ई-वाहन- ४,६२,३७७
मुंबई में ई-वाहन
ताड़देव- १०,८०२
वडाला – ९,१७७
अंधेरी- ७,४१४
बोरीवली – ८,९०५
कुल – ३६.२९८