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इंटरनेट बंद करने के मामले में शीर्ष पर भारत …साल २०२३ में ११६ बार हुआ शटडाउन!

 मणिपुर और पंजाब में सबसे अधिक बार हुआ बंद 
 रिपोर्ट में हुआ खुलासा
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
‘एक्सेस नाउ’ और ‘कीप इट ऑन’ की एक रिपोर्ट बताती है कि इंटरनेट बंद करने के मामले में हिंदुस्थान लगातार छठे साल भी शीर्ष पर बना हुआ है। यही नहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल २०२३ में भारत ने ११६ बार इंटरनेट शटडाउन किया। इस अवधि में किसी एक कस्बे या शहर में इंटरनेट बंद करने के बजाय पूरे राज्य (मणिपुर और पंजाब) का इंटरनेट सबसे अधिक बार बंद किया गया। मणिपुर में २१२ दिनों तक राज्यव्यापी इंटरनेट शटडाउन था, जिससे करीब ३.२ मिलियन लोग प्रभावित हुए। वहीं पंजाब में लगातार चार दिनों तक लगभग २७ मिलियन लोगों को इंटरनेट ब्लैकआउट झेलना पड़ा था।
होते हैं गंभीर आर्थिक नुकसान
‘कीप इट ऑन’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे समय तक इंटरनेट बंद रहने के गंभीर आर्थिक नुकसान भी हुए हैं। इसने लोगों को बेरोजगारी में धकेला और देश के निवेश के माहौल को प्रभावित किया है। एक दिन का बंद भारत में ३७९ लोगों को बेरोजगारी की ओर धकेल सकता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि व्यक्तिगत आजीविका से लेकर राष्ट्रीय जीडीपी तक सभी स्तरों पर इंटरनेट शटडाउन का गहरा आर्थिक प्रभाव पड़ा है।
जम्मू-कश्मीर में घटे इंटरनेट शटडाउन के मामले 
हिंदुस्थान के नए दूरसंचार कानून की वजह से केंद्र सरकार को शटडाउन लगाने के लिए ज्यादा शक्तियां मिल गई हैं, यह उसी का परिणाम है। हालांकि, जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन के मामले में कमी आई है। २०२२ में जम्मू-कश्मीर में ४९ बार इंटरनेट शटडाउन किया गया था। २०२३ में यह संख्या १७ थी।
दुनिया भर में बढ़े मामले 
‘एक्सेस नाउ’ और ‘कीप इट ऑन’ के मुताबिक, इंटरनेट शटडाउन के मामले पूरी दुनिया में बढ़े हैं। साल २०२३ में ३९ देशों में २८३ बार इंटरनेट शटडाउन की घटनाएं सामने आर्इं। साल २०१६ से इंटरनेट शटडाउन के आंकड़ों को जुटाया जा रहा है, तब से पहली बार इतनी घटनाएं दर्ज हुई हैं। २०२२ से इंटरनेट शटडाउन के मामलों में ४१ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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