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बे-कार हैं हिंदुस्थानी! ८ लाख कारों के ऑर्डर हैं पेंडिंग

  • सरकारी नीतियों और चिप की कमी से ऑटो सेक्टर परेशान

सामना संवाददाता / मुंबई
अच्छे घर, अच्छे रहन-सहन के साथ अपने पास मनपसंद की कार भी हो, यह चाहत सभी के मन में होती है। लेकिन लाखों हिंदुस्थानी ऐसे हैं, जो नई कार बुक कराने के बाद भी बे-कार हैं। देशभर में ८ लाख कारों का ऑर्डर पेंडिंग है। इससे न केवल कार खरीदने के इच्छुक बल्कि कार निर्माता कंपनियां भी सकते में हैं। संज्ञान में आया है कि सरकार की ढुलमुल नीतियों और सेमीकंडक्टर चिप की कमी के कारण ऑटो सेक्टर परेशान हो गया है।
सेमीकंडक्टर चिप की तंगी लंबे समय से वाहन निर्माताओं का सिरदर्द बनी हुई है। सेमीकंडक्टर चिप से कार के आधुनिक फीचर्स काम करते हैं और इसकी गैरमौजूदगी में कारों का उत्पादन बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस वजह से कार निर्माताओं के आठ लाख ऑर्डर लंबित हैं। लगभग फरवरी के मध्य तक, लंबित डिलिवरी ७ लाख ६० हजार यूनिट थी। कैलेंडर वर्ष २०२२ के अंत में यह सात लाख यूनिट थी। सेमीकंडक्टर चिप के अभाव में नई कारों की प्रतीक्षा सूची लंबी होती जा रही है। ऑटो उद्योग के सूत्रों के अनुसार, कारों का ऑर्डर देना मुश्किल हो गया है। मारुति सुजुकी ब्रेज्जा, टाटा नेक्सॉन, ग्रैंड विटारा, टोयोटा हैडर, बलेनो, नेक्सॉन, क्रेटा जैसे मॉडलों की मांग बढ़ी है। बहुत से लोग शोरूम में कार की बुकिंग और अन्य जरूरी चीजों‌ की पूछताछ के लिए पहुंच रहे हैं। लोग कारों की बुकिंग तो करा रहे हैं, लेकिन उन्हें समय पर कारों‌ की डिलिवरी नहीं मिल पा रही है। बताया जाता है कि सितंबर २०२२ में लॉन्च की गई ग्रैंड विटारा एसयूवी के लगभग ३७,५०० पेंडिंग ऑर्डर हैं, ऑल-न्यू ब्रेजा एसयूवी (जून २०२२ में लॉन्च) में लगभग ६३ हजार पेंडिंग ऑर्डर हैं। एर्टिगा का ऑर्डर ९६ हजार यूनिट के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
ईवी कारों की बढ़ी प्रतीक्षा सूची
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ रही है। पिछले कुछ महीनों से ५ हजार यूनिट से अधिक बढ़ गई है।‌ हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों की भी डिलिवरी का इंतजार बढ़ गया है। फिलहाल, लगभग १५ हजार यूनिट के लंबित ऑर्डर हैं। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के लगभग ९० हजार यूनिट के ऑर्डर पेंडिंग हैं। वाहन मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार कार फै क्ट्रियों में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन ज्यादा है, लेकिन कार निर्माता जितना डिलिवर कर सकते हैं, उससे ज्यादा बुकिंग ले रहे हैं।
ऑटो सेक्टर में सुधार की उम्मीद
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव के अनुसार हमें मंदी का असर नहीं दिखाई दे रहा है। जिम्नी के लिए बुकिंग लगभग २२ हजार यूनिट और फ्रांक्स के लिए १२ हजार यूनिट से अधिक है। इन दोनों कारों की कीमतें दायरे से बाहर नहीं हैं। हालांकि, कुछ मॉडलों के बहुत अधिक लंबित आर्डर हैं। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी में लाइट व्हीकल फोरकास्टिंग के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वांगल के अनुसार, एर्टिगा की सीधी प्रतियोगिता नहीं है और इसके सीएनजी वेरिएंट की विशेष रूप से फ्लीट सेगमेंट में ठोस मांग है। हालांकि, हमें उम्मीद है कि २०२२ की तुलना में २०२३ में ऑटो सेक्टर बेहतर रहेगा।

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