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भारत के गौरव को फिर से पाना है : पाटील, एचएसएनसी विश्वविद्यालय के ‘युवा संवाद’ में बोले उच्च शिक्षा मंत्री

सामना संवाददाता / मुंबई
भारत का अपना एक बड़ा ही गौरवशाली इतिहास रहा है। मध्यकालीन आक्रांतों के उत्पातों एवं अंग्रेजों की लूट-खसोट ने हमारे देश को काफी पीछे ढकेल दिया। आजादी के समय जहां हम अविकसित राष्ट्र के रूप में गिने जाते थे। वहीं आज बड़ी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हैं। उक्त उद्गार महाराष्ट्र के उच्च एवं तंत्र शिक्षा मंत्री चंद्रकांत (दादा) पाटील ने एचएसएनसी क्लस्टर यूनिवर्सिटी की एनएसएस इकाई और छात्र विकास विभाग द्वारा के.सी. कॉलेज के सभागार में आयोजित ‘जी-२० युवा संवाद -इंडिया २०४७ : वॉयस ऑफ द यूथ’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए। पाटील ने कहा कि आज हमारा देश विश्व का सबसे युवा देश है। आज पूरा विश्व भारतीय युवाओं के प्रति आशा की दृष्टि से देख रहा है। हमें विश्वास है कि हमारे युवा साथी ‘विकसित भारत’ के सपने को २०४७ से पहले ही साकार कर देंगे। इतना ही नहीं यही युवा आने वाले दिनों में भारत को वह गौरव वापस दिलाएंगे, जो कि आज से ५ हजार साल पहले हुआ करता था। इस दौरान श्री पाटील ने युवाओं से बेहतर इंसान बनने और वंचितों और जरूरतमंदों के कल्याण में योगदान देने का आह्वान किया। इससे पूर्व उद्घाटन सत्र में डॉ. हेमलता बागला ने जून २०२० में अपनी स्थापना के बाद से एचएसएनसी विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय प्रगति का संक्षिप्त विवरण दिया। साथ ही विश्वविद्यालय के प्रकुलपति डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने युवाओं को अपने संबोधन से प्रेरित किया। टीकाराम जगन्नाथ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय चाकणे ने वक्तव्य देते हुए युवाओं को उद्देश्य की भावना के साथ पूर्ण जीवन जीने का मंत्र दिया। उद्घाटन सत्र के अंत में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और बॉम्बे टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भगवान बलानी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। एचएसएनसी विश्वविद्यालय के एनएसएस डायरेक्टर एवं छात्र विकास निदेशक डॉ. सतीश कोलते को एचएसएनसी विश्वविद्यालय में ‘जी-२० युवा संवाद इंडिया २०४७’ के शानदार एवं सुव्यवस्थित आयोजन पर कुलपति और प्रकुलपति ने बधाई दी।
विद्यार्थियों ने बताया भारत का विजन
युवा संवाद में संबद्ध महाविद्यालयों के ३० छात्र-छात्राओं ने सच्चे भारत, विकसित भारत एवं भविष्य के भारत को केंद्र में रखते हुए अपना लक्ष्योन्मोखी वक्तव्य रखा। इस सत्र में राज्य संपर्क अधिकारी और ओएसडी डॉ. रामेश्वर कोठावले ने स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया और उन्हें युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा शुरू की गई युवा पोर्टल, अनुभवात्मक शिक्षा और ‘मेरी माटी मेरा देश’ जैसी विभिन्न नई परियोजनाओं से अवगत कराया। टीकाराम जगन्नाथ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय चाकणे, जयहिंद कॉलेज के इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉ. सफीना राखांगी एवं महाराष्ट्र टाइम्स के निवासी संपादक समीर कर्वे ने प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई।

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