• मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं औद्योगिक क्षेत्र
• मीरा-भायंदर मनपा प्रशासन का ढुलमुल रवैया
चंद्रकांत दुबे / मीरा रोड
मीरा-भायंदर महानगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले मीरा गांव का एमआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जबकि मनपा को इंडस्ट्रियल सेक्टर से भारी टैक्स प्रति वर्ष मिल रहा है।
बता दें कि ४ दशक से भी अधिक समय पहले मीरा गांव में एमआईडीसी की शुरुआत हुई थी। उस समय यहां का औद्योगिक विकास कार्य एमआईडीसी की ही देखरेख में होता था। लेकिन जब यहां मीरा-भायंदर नगरपालिका अस्तित्व में आई तो एमआईडीसी की तरफ से १ नवंबर, १९९० को तत्कालीन मुख्याधिकारी मिलिंद सावंत को इंडस्ट्रियल एरिया की सारी जिम्मेदारी सौंप दी गई, जिसमें रोड डेवलपमेंट और मेंटेनेंस राइट समेत सभी अधिकार लिखित रूप से नगरपालिका को दे दिए गए। हालांकि, तब से आज तक इस औद्योगिक क्षेत्र की सुध मनपा प्रशासन द्वारा नहीं ली गई है। एमआईडीसी अपनी जिम्मेदारी से भाग गई और महानगर पालिका अपनी जिम्मेदारी निभा नहीं पा रही है। जिसके कारण यहां के लोग पर्याप्त रोड व गटर जैसी मूलभूत सुविधाओं व उनके रखरखाव से वंचित हैं।
मीरा-भायंदर स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शाह का कहना है कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस जनवरी माह में मनपा आयुक्त दिलीप ढोले से मुलाकात कर इस संबंध में सभी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया था। जिसमें प्रमुखत: रोड, गटर और ईएसआईसी प्लॉट जो एमआईडीसी ने हॉस्पिटल बनाने के लिए रिजर्व रखा है, उसे बनाने का अनुरोध भी किया था। उन्हें बताया गया कि इंडस्ट्री के लोग १९९० से पहले नगरपालिका और अब मनपा को टैक्स भर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक किसी भी प्रकार की सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं। रोड और नालियों की स्थिति दयनीय है। उनका दावा है कि आयुक्त ने इसकी जांच का भरोसा दिलाया था लेकिन आज तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। अधिकारियों के ढुलमुल रवैये से औद्योगिक क्षेत्र के लोग परेशान हैं। शाह ने बताया कि इस संदर्भ में यहां के स्थानीय पूर्व व वर्तमान विधायकों से भी अनुरोध किया गया, लेकिन उन लोगों ने भी हमें निराश ही किया है। इस संबंध में कई बार मनपा अधिकारियों से संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से टालमटोल वाला रवैया नजर आया। इस संबंध में मनपा शहर अभियंता दीपक खांबित का कहना है कि इस संबंध में मनपा के जूनियर इंजीनियर को विजिट कर सारी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। बरसात के बाद रोड व गटर का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। मतलब इस बारिश भी इंडस्ट्रियल सेक्टर में पानी भरता रहेगा और लोगों को उससे नुकसान उठाना पड़ेगा। शाह कहते हैं कि पिछले कई वर्षों से हर साल तीन से चार महीने लोग ऐसी ही मुसीबत की जिंदगी जीने के लिए मजबूर रहते हैं। उनकी शिकायत है कि टैक्स पेयर होने के बाद भी मनपा इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।