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उद्योग मंत्री उदय सामंत बोले… मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ही समारोह चिलचिलाती धूप में रखा!

सामना संवाददाता / मुंबई 
‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह चिलचिलाती धूप में रखने के कारण गर्मी से १३ श्रीसेवकों की मौत हो गई, जबकि अनेक लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ गई। यह कार्यक्रम शाम को रखा जा सकता था, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ही इसे चिलचिलाती धूप में रखने को कहा था, ऐसी जानकारी उद्योग मंत्री उदय सामंत ने दी।
श्रीसेवकों की मौत का मामला ‘शिंदे’ सरकार के गले तक आ गया है इसीलिए उदय सामंत ने कल अपने निवास स्थान पर पत्रकार परिषद लेकर उसे संभालने का प्रयास किया। कार्यक्रम का समय दोपहर के बदले शाम को क्यों नहीं रखा गया? जब मीडिया ने यह सवाल पूछा तब उन्होंने जवाब दिया कि यह कार्यक्रम शाम को ही रखना था लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी समय पर अपने घर पहुंच सकें इसीलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह कार्यक्रम दोपहर में रखा।
दुर्घटना के कारण इस कार्यक्रम के ढीले आयोजन को लेकर भी टीका-टिप्पणी होने लगी है। इस बारे मे जब मीडिया ने सवाल पूछे तो उदय सामंत ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए सैकड़ों डॉक्टर, नर्सेस मदद के लिए मौजूद थे। एंबुलेंस तैयार थे। चार हजार बेड्स के अस्पताल तैयार किए गए थे। एमआईजी, कामोठे, अपोलो, टाटा हॉस्पिटल इत्यादि में बेड रिजर्व रखे गए थे। श्रीसेवकों के लिए १ हजार ५० बसों की व्यवस्था रखी थी। २१ जगहों पर पार्विंâग की व्यवस्था की गई थी। चिकित्सकीय सुविधा में ब्लड बैंक से लेकर प्राथमिक उपचार के लिए लगनेवाली सभी यंत्रणा तैयार रखी गई थी।
दो दिनों में तापमान बढ़ा 
श्रीसेवकों को ज्यादा से ज्यादा सेवा देने का प्रयास किया गया था लेकिन उन दो दिनों में मौसम बदल गया और तापमान ३४ से ३६ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, ऐसा दावा भी उदय सामंत ने किया। अप्पासाहेब को देखने  के लिए श्रीसेवक १४ तारीख से ही मैदान में पहुंचने लगे थे। उन्हें रोकना सही नहीं था, ऐसा भी उन्होंने कहा।
मंत्रियों द्वारा जायजा लेने के बावजूद त्रुटि रह गई 
इस कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा खुद मुख्यमंत्री शिंदे ने चार बार लिया था। पालकमंत्री के रूप मे खुद उदय सामंत पांच दिनों तक खारघर में मौजूद रहे। शंभुराज देसाई, रवींद्र चव्हाण ने भी तैयारी को लेकर बैठक ली थी। मुख्य सचिव ने भी जायजा लेकर बैठक ली थी। इसके बावजूद त्रुटियां रह गर्इं। इस पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। बताया जाता है कि इस समारोह पर १३ करोड़ ६० लाख ५१ हजार रुपए खर्च किए गए हैं।

मुनगंटीवार इस्तीफा दें! -अंबादास दानवे
•  गर्मी से मरनेवालों के लिए सांस्कृतिक विभाग जिम्मेदार
•  आयोजकों पर दर्ज हो गैर इरादतन हत्या का मामला
‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार कार्यक्रम में भीषण गर्मी से १३ लोगों की मौत के लिए नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने सांस्कृतिक विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। इसके लिए उन्होंने सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के इस्तीफे की मांग की है।
अंबादास दानवे ने कल नई मुंबई स्थित टाटा अस्पताल और एमजीएम अस्पताल पहुंचकर हादसे में बीमार लोगों से मुलाकात करके उनका हालचाल लिया। अंबादास दानवे ने राज्य सरकार के सांस्कृतिक विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दोपहर की तेज गर्मी में कार्यक्रम का आयोजन आखिर क्यों किया गया? कार्यक्रम में आए लोग चिलचिलाती धूप में बैठे थे, उनके लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की गई थी। इसलिए इस हादसे में लोगों की मौत के लिए सांस्कृतिक विभाग के लोग ही जिम्मेदार हैं। कार्यक्रम के आयोजकों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोजकों के लिए अलग व्यवस्था की गई थी, जबकि आम लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। लोग धूप में छह घंटे तक तड़पने के लिए बाध्य थे।
दानवे ने कहा कि इस हादसे में लोगों की अकारण जान चली गई। कई लोग कह रहे हैं कि मौत के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं। इसलिए सरकार और अस्पताल को इसके बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। जब सरकार में कार्यक्रम संबंधी योजना बनाने की क्षमता नहीं थी तो मैदान में कार्यक्रम क्यों किया?

ईडी सरकार पर दर्ज हो गैर इरादतन हत्या का मामला!
राकांपा विधायक अमोल मिटकरी की मांग
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने खारघर में हुई घटना को लेकर ‘ईडी’ सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार वितरण समारोह में ऊष्माघात के कारण १२ लोगों की मृत्यु हो गई। इतना ही नहीं, कई लोगों को नई मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस समारोह में मौजूद १२ लोगों की मौत हो गई, इसे लेकर वे समारोह के आयोजकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वे राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर आयोजकों के अलावा ‘ईडी’ सरकार पर भी गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग करेंगे। अमोल मिटकरी ने कहा कि अभी तक महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देने का भी एक तरीका था। हालांकि, इस सरकार ने अध्यात्म की राजनीति कर कई लोगों की बलि ले ली है। सद्गुरु के परिवार को अब इस मांग पर जोर देना चाहिए कि मौत के लिए जिम्मेदार ‘ईडी’ सरकार पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए, ऐसा मिटकरी ने कहा। इस सरकार ने महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के लिए इतना पैसा खर्च किया, फिर कार्यक्रम में आनेवाले लोगों के लिए कोई व्यवस्था क्यों नहीं की गई? ऐसा सवाल मिटकरी ने किया। मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और उपमुख्यमंत्री के लिए वीआईपी इंतजाम किए गए थे। क्या वहां आनेवाले भक्तों के लिए व्यवस्था करना संभव नहीं था? ऐसा सवाल भी मिटकरी ने किया। मुख्यमंत्री कहते हैं कि राजनीति मत करो लेकिन लोग मर रहे हैं तो क्या यह राजनीति की बात नहीं है, ऐसा मिटकरी ने कहा।

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