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जौनपुर में अपात्र उठा रहे सरकारी योजनाओं का लाभ, बीजेपी नेता ने ही खोला प्रशासन के लूट तंत्र की पोल

मंगलेश्वर त्रिपाठी / जौनपुर
भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य जगत नारायन दुबे द्वारा जौनपुर सरकारी तंत्र की कार्य प्रणाली और कार्यों पर आरोप लगाते ही हड़कंप मच गया, जिससे विपक्षी दलों ने हाथों हाथ लपक लिया। भाजपा नेता ने सरकारी तंत्र की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान समय में सरकारी विभागों के अधिकारी कागजी बाजीगरी का खेल करते हुए प्रदेश सरकार को फर्जी एवं गुमराह करने वाले आंकड़े भेज कर अपनी पीठ भले ही थपथपा रहे हैं, लेकिन सच तो यह है कि सरकार की एक भी योजना का लाभ पात्र व्यक्ति को नहीं मिल रहा है। किसान, नौजवान, बहन, बेटियां सभी सरकारी तंत्र के फर्जीवाड़े से परेशान और पीड़ित हैं।
दुबे ने गत दिवस जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक में सिंचाई विभाग के एक्सईएन द्वारा दिए गए आंकड़े जिसमें कहा गया है कि सभी नहरों के लिए पानी उपलब्ध है तथा जिस पर टेल तक पानी पहुंचाने का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया, की आलोचना करते हुए कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारी पूरी तरह से झूठ बोल रहे हैं। फर्जी कागजी आंकड़ा डीएम को बताया जा रहा है। डीएम भी उनके आंकड़े को सच मानकर शासन को रिपोर्ट कर रहे हैं। सच तो यह है कि किसी भी नहर में पानी नहीं आ रहा है। किसान अपने धान की फसल की सिंचाई और रोपाई अपने निजी नलकूप से करने को मजबूर हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि निजामुद्दीनपुर गांव से नहर निकली है। यहां के किसान नहर के पानी पर पूर्णरूप से आश्रित रहते हैं, लेकिन आज तक पानी का एक बूंद भी नहर में नहीं आया। टेल तक पहुंचना तो दूर की बात है। इसी तरह किसान सम्मान निधि योजना की चर्चा करते हुए दुबे ने कहा कि सही मायने में पात्र किसान को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। सरकार की सारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी हुई हैं। कृषि विभाग के अधिकारी इस योजना का लाभ देने के नाम पर अपनी जेब गरम करते हुए अपात्रों को योजना का लाभ पहुंचा रहे हैं, जिसके कारण जनपद जौनपुर में बड़ी संख्या में पात्र इधर-उधर भटक रहे हैं और सेलटैक्स और इनकम टैक्स पेई योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसी तरह दुबे ने खाद्यान विभाग के लूट और भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए खुला आरोप लगाया कि इस विभाग के आपूर्ति निरीक्षक (इंस्पेक्टर) और कोटेदारों की मिलीभगत से पूरे जनपद में अपात्रों को अति गरीबी रेखा के नीचे का अन्त्योदय (लाल) कार्ड बनवा दिया है और सही में जो निर्धन और अति गरीब पात्र व्यक्ति हैं, ऐसे लोग बड़ी तादाद में इस योजना का लाभ पाने से वंचित हैं। दुबे ने स्पष्ट रूप से बताया कि अपात्र व्यक्ति सरकार के फ्री खाद्यान्न योजना का लाभ उठाकर खाद्यान्न को बनिया के दुकान पर बेच कर अपने ऐसोआराम की व्यवस्था करता है और वास्तविक रूप से गरीब आज भी कठिन श्रम करके परिवार का पेट पालने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि लाल कार्ड ऐसे लोगों के नाम से बने हैं, जिनके पास ट्रैक्टर, जमीन, पक्का मकान यहां तक कि सरकारी नौकरी वाला भी फ्री खाद्यान्न योजना का लाभ, लाल कार्ड के जरिए उठा रहा है। विभाग में शिकायत करने पर आपूर्ति निरीक्षक कोटेदार से धनोपार्जन करके, आल इज ओके कर दे रहे हैं और कागज में इस योजना का लाभ अति गरीब को देने की सूचना उच्चाधिकारियों और शासन को फर्जी कागजी आंकड़ा देकर गुमराह कर रहे हैं।
दुबे ने एक बात और भी कहा कि सरकारी विभागों से आने वाले आंकड़ों की सत्यता की जांच खुद अपनी एजेन्सी के जरिए जिला प्रशासन के शीर्ष पर बैठे अधिकारी को कराना चाहिए, लेकिन वह भी कागजी बाजीगरी के आंकड़ों को सही मान लेता है, जो पूरी तरह से गलत है। प्रदेश और केंद्र की सरकार गरीबों के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं। जिला प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि योजनाओं का सही लाभ पात्रजनों को मिल सके। दुबे ने यह कहा कि अब ऐसे सभी मामलों और योजनाओं में हो रहे फर्जीवाड़े की शिकायत प्रदेश में शासन स्तर पर भी किया जाएगा।

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फेक आलिया