इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स और दूसरी महंगी चीजों की शॉपिंग टाल रहे लोग
सामना संवाददाता / मुंबई
दिवाली के नजदीक आते ही महंगाई ने घरेलू बजट को तहस-नहस कर दिया है। खासकर रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं जैसे लहसुन, धनिया, तेल और मसालों की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। सरकार ने महिलाओं के खाते में १,५०० रुपए जमा करने का वादा किया था, लेकिन बढ़ती महंगाई ने इन पैसों को भी बेमानी कर दिया है, क्योंकि परिवार का मासिक खर्च अब ३,००० रुपए से ज्यादा हो चुका है। ज्वार, गेहूं और चावल जैसे अनाज के दाम ५० रुपए प्रति किलो से ऊपर पहुंच गए हैं और दालों की कीमत १०० रुपए से अधिक हो चुकी है। सब्जियां जैसे आलू, टमाटर और प्याज भी ४० रुपए प्रति किलो से कम नहीं मिल रही हैं। पहले जहां एक छोटे परिवार का मासिक खर्च २-३ हजार रुपए था, अब यह बढ़कर ४-५ हजार रुपए हो गया है। इसके अलावा, बिजली, गैस और र्इंधन की कीमतों में बढ़ोतरी ने घर के अन्य खर्चों को भी प्रभावित किया है। महिलाओं का कहना है कि महंगाई ने दीवाली की तैयारी को भी मुश्किल बना दिया है और सरकार द्वारा दी जा रही सहायता इस बढ़ती महंगाई के आगे नाकाफी है।
अक्टूबर महीने से नवरात्रि के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है जो नवंबर महीने के मध्य तक जारी रहेगी। फेस्टिव सीजन की शुरुआत बेहद फीकी रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस फेस्टिव सीजन में इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेस के सेल्स की रफ्तार धीमी रही है। इस वर्ष अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेस के सेल्स में बीते साल के मुकाबले केवल ५.७ फीसदी की बढ़ोतरी आई है, जबकि ८-१० फीसदी सेल्स में बढ़ोतरी का अनुमान था। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि सेल्स आने वाले दिनों में रफ्तार पकड़ सकती है।