-बढ़ेंगे अन्य सब्जियों के दाम
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
सूरज धरती पर आग उगल रहा है। इससे लोग भीषण गर्मी से त्रस्त हैं। इसी बीच मुंबई और महाराष्ट्र के साथ ही पूरे देश में चुनावी पारा भी चढ़ा हुआ है। क्या मंत्री, क्या नेता और प्रत्याशी, सभी जमकर एक-दूसरे के ऊपर छींटाकशी में व्यस्त है। इन सबके बीच आम जनता को महंगाई डायन खाए जा रही है, जिसकी चिंता किसी को नहीं है। भीषण गर्मी के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि बीते एक सप्ताह से टमाटर और हरी मिर्च की बढ़ रही कीमत में और उछाल आएगा। यानी मिर्च और मिर्च लगाएगी और टमाटर लाल होगा। इसके साथ ही अन्य सब्जियों के भी दाम बढ़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह से टमाटर और हरी मिर्च की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है। शनिवार को टमाटर ३० रुपए और हरी मिर्च ६० रुपए प्रति किलो बिकी। सूखे की स्थिति के कारण सब्जियों की खेती का रकबा कम हो गया है। अप्रैल और मई में गर्मी के कारण उपलब्ध पानी से उगाई गई सब्जियों में फल आना कम हो गया है। धाराशिव में देशपांडे स्टेडियम के पास भाजी मंडी के कुछ खुदरा विक्रेताओं ने कहा कि जो टमाटर पिछले सप्ताह १० रुपए प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा था, वह अब आवक में गिरावट के कारण ३० रुपए में बेचा जा रहा है। सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी मिर्च और टमाटर के दाम बढ़ रहे हैं।
टमाटर पर गर्मी का पड़ा असर
पानी की कमी के कारण कुछ किसानों ने मिर्च के साथ-साथ टमाटर के खेतों को उखाड़कर जमीन जोत दी। परिणामस्वरूप, आमद कम हो गई है और कीमतें बढ़ रही हैं। कुछ कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, अप्रैल और मई में गर्मी के कारण टमाटर पर असर पड़ा। सब्जी मंडी में सिर्फ मिर्च, टमाटर ही नहीं बल्कि अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़ रहे हैं। अगले कुछ दिनों तक टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी रहने की संभावना है।
खेती में आय से अधिक नुकसान
तुलजापुर विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक नकुल हारवाडीकर ने कहा कि इस साल अप्रैल में कई बार लू की लहरें आईं। इसके परिणामस्वरूप फसलों पर असर पड़ा और फसलों में लगे फूल झड़ गए। दूसरी तरफ खेती में किसानों का आय से खर्च अधिक हो रहा था, ऐसे में उन्हें खेती छोड़नी पड़ी।
इसलिए पैदा नहीं हो रहीं सब्जियां
लातूर, सोलापुर, धाराशिव जिलों में भी शनिवार को बाजार समिति में नीलामी आयोजित की गई। इस नीलामी में देखा गया कि टमाटर और हरी मिर्च के दाम बढ़ गए। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ महीने पहले मिर्च के दाम कम थे, जबकि टमाटर पांच से १० रुपए प्रति किलो बिक रहा था। हालांकि, सूखे की स्थिति के कारण किसान सब्जियों की फसल नहीं पैदा कर पा रहे हैं।