सामना संवाददाता / मुंबई
देश में इन दिनों त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में तमाम खर्चों को लेकर पहले से ही आम जनता चिंता में है। इस बीच महंगाई ने लोगों की नींद उड़ा दी है। त्योहारी सीजन में लोगों को महंगाई का झटका जोर से लगा है। और झटका इस कदर लगा है कि मोदी के राज में त्योहार के सीजन में भी आम सामन्य लोगों को नमक-रोटी खाने की नौबत आ गई है। सितंबर में थोक मुद्रास्फीति में बढ़त देखी गई है और यह पिछले महीने सितंबर में बढ़कर १.८४ फीसदी पर आ गई है, जिससे इस बार त्योहारों के सीजन में महंगाई लोगों की जेब पर भारी पड़नेवाली है।
जानकारों की मानें तो खाने-पीने के सामान की महंगाई दर खासतौर से बढ़ी है और ९ फीसदी के पार निकल गई है। अगस्त में जो थोक खाद्य महंगाई दर ३.२६ फीसदी थी, वो बढ़कर सितंबर में ९.४७ फीसदी हो गई है।पिछले साल के अगस्त २०२३ में यह १.१३ फीसदी पर रही थी, वहीं सितंबर २०२४ में थोक महंगाई दर ०.२६ परसेंट पर रही थी। खाद्य उत्पादों की महंगाई दर में बढ़त के चलते मुख्य तौर से ये महंगाई दर तेज हुई है। हालांकि, ये बढ़त बाजार विशेषज्ञों और अन्य जानकारों के अनुमान से कम रही है। खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, मैन्युपैâक्चरिंग, मोटर व्हीकल, ट्रेलर्स और हाफ-ट्रेलर्स के कंस्ट्रक्शन, मशीनरी और इक्विपमेंट मैन्युपैâक्चरिंग आदि की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते महंगाई देखी गई है। महंगाई का होलसेल इंडेक्स संख्या और महंगाई दर के सभी वस्तुओं के आधार पर थोक महंगाई दर में इजाफा देखा गया है।
खाने-पीने की चीजें हुई महंगी
खाने-पीने के सामान की महंगाई दर खास तौर से बढ़ी है और ९ फीसदी के पार निकल गई है। इस साल सितंबर में थोक खाद्य महंगाई दर बढ़कर ९.४७ फीसदी पर आ गई है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि खाने-पीने (खाद्य) की कीमतें जो रिटेल और थोक महंगाई दर दोनों में बड़ा वेटेज रखती हैं, वो सितंबर के महीने में खासी बढ़ोतरी दिखा चुकी हैं।