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भड़की महंगाई… डाल रही रंग में भंग! फीकी रहेगी गुझिया की मिठास 

  • मावा, मेवा से लेकर मैदा, रवा तक हुआ महंगा

योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
रंगों के पर्व होली को अब कुछ दिन ही शेष बचे हैं। लेकिन बेतहाशा बढ़ी महंगाई से होली असुरक्षित होती हुई एवं रंग में भंग पड़ता दिखाई दे रहा है। होली पर गुझिया सबसे खास पकवान होता है। ऐसे में होली से पहले ही घर-घर गुझिया बनने लगती है। खाद्य वस्तुओं की कीमत में १० से १५ फीसदी की वृद्धि हो गई है। ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी उतना ही बढ़ा है। उस पर जीएसटी का बोझ पड़ने से लागत पिछली जनवरी की तुलना में ४० से ५० प्रतिशत बढ़ गई है। ऐसे में रंगों के पर्व पर मिठास बढ़ाने व गुझिया खाने के लिए लोगों को अपनी जेब अच्छी-खासी ढीली करनी पड़ेगी।
बता दें कि होली के पहले बाजारों में मावा, बादाम, किशमिश चीनी, मैदा के दाम अचानक बढ़ गए हैं। होली में खासतौर पर खोवे पर पड़ी महंगाई की मार गुझिया की मिठास को फीकी कर रही है। रिफाइंड, चीनी, मैदा, आटा और मेवा के दाम भी पिछले साल की तुलना में बढ़े हैं। दूध के बढ़े दामों ने खोवे के भाव को तीन सौ के पार कर दिया है। बढ़ती कीमतों से लोगों का बजट गड़बड़ाने लगा है। होली का उत्साह धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। होली के पर्व में अभी एक सप्ताह बचा है। महंगाई की आग में पहले से झुलस रहे मध्यम वर्गीय और गरीब परिवारों का होली में बजट बिगड़ता दिखाई दे रहा है।
आटा, चीनी, रवा व मैदा पिछले वर्ष की तुलना में करीब पांच से दस रुपए तक महंगे हो गए हैं। गुझिया बनाने में प्रयोग होने वाले खोवे के दाम में पिछले वर्ष की तुलना में ५० से ६० रुपए किलो तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण दूध के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि है। इस वजह से खोवा तीन सौ के पार पहुंच गया है।
खाद्य वस्तुएं (प्रति किलो के हिसाब से)
सामग्री – २०२२ २०२३
खोवा – ४०० – ४५०-५५० तक
दूध – ५५ – ६०-७० तक
चीनी – ३८ – ४० तक
रवा – ४५ – ५५ तक
मैदा – ३२-३८ – ५० तक
आटा – २५-३० – ४० तक
रिफाइंड – १४० – १४५ तक
काजू – ७४० से ८५० – ७५० से ९०० तक
किशमिश- २५० से ३३० – २८० से ३५० तक
चिरौंजी – १,३५० से १,४०० – १,४०० से १,५०० तक
गरी कटी- १५० से १७५ – १८० से २०० तक

होली में गुझिया नहीं हो तो पर्व का मजा ही नहीं है। यदि कोई मेहमान घर पर आता है तो वह पहले गुझिया को उठाकर चखता है। मावा से लेकर मेवा, मैदा, सूजी के दाम बढ़ने से त्योहारी खर्च का बजट बढ़ा दिया है।
-आभा सिंह, गृहिणी

खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं। बढ़ती महंगाई के बीच होली का पर्व पड़ जाने से आम गृहस्थ का खर्च काफी बढ़ गया है।
-प्रमिला दुबे, गृहिणी

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