अपराधियों को सजा देना अच्छी बात है। वैसे बिना गुनाह के आधी उम्र जेल में काटना, किसी भयावह अनुभव से कम नहीं है। इसी कड़ी में एक नाम है सैंड्रा हेम्मे का। ६४ वर्षीय सैंड्रा ४३ साल तक सलाखों के पीछे रही हैं। वो भी उस गुनाह के लिए, जो उन्होंने कभी किया ही नहीं। २० साल की उम्र में सैंड्रा को एक मर्डर केस में दोषी पाया गया था। अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई और सैंड्रा को ४३ साल जेल में काटने पड़े। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी महिला को गलत तरीके से दोषी ठहराते हुए इतने सालों तक जेल में रखा गया। दरअसल, ये कहानी १९८० की है। उस दौरान सैंड्रा २० साल की थीं। सैंट जोसेफ मिसौरी की लाइब्रेरी वर्कर पैट्रिशिया जेस्चके की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने सैंड्रा को इस हत्याकांड का दोषी माना और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना दी। सैंड्रा को अब जेल से रिहा कर दिया गया है। बेशक सैंड्रा सलाखों के पीछे नहीं हैं, लेकिन उनके केस की अभी भी जांच चल रही है।