तबादले की राजनीति ने पुलिस महकमे को फिसड्डी बना दिया,मुंबई के स्पेशल कमिश्नर का पद तो गढ़ा, पर नहीं तय की जिम्मेदारियां
एसपी यादव
कभी मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस से की जाती थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के लगातार तबादलों की राजनीति ने मुंबई सहित महाराष्ट्र की पुलिस को फिसड्डी बना दिया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि उत्कृष्ट जांच के मामले में इस बार महाराष्ट्र पुलिस को एक भी पदक नहीं मिला है।
देशभर से १४० पुलिस अधिकारियों को मेडल
गृह मंत्रालय ने २०२३ के लिए उत्कृष्ट जांच करनेवाले पुलिस अधिकारियों के लिए पदकों की घोषणा की है। इन पदकों के लिए देशभर से १४० अधिकारियों का चयन किया गया है, लेकिन इसमें महाराष्ट्र के किसी पुलिस अधिकारी का नाम शामिल नहीं है। अब यह चर्चा हो रही है कि जब देश के छोटे-छोटे राज्यों के पुलिस अधिकारियों को भी उत्कृष्ट जांच करने के लिए पदक मिल रहे हैं तो मुंबई सहित महाराष्ट्र पुलिस इस मामले में क्यों पीछे रह गई?
सीबीआई अधिकारियों को सबसे ज्यादा मेडल
वर्ष २०२३ के लिए गृह मंत्रालय की जो सूची तैयार है, उसमें सबसे ज्यादा १५ पदक सीबीआई अधिकारियों को मिले हैं। इसके बाद १२ पदकों के साथ एनआईए दूसरे क्रमांक पर है। इसके बाद १० पदकों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस तीसरे पायदान पर हैं। एनसीबी अधिकारियों को भी दो पदक मिले हैं।
किस राज्य को मिले कितने पदक
सर्वश्रेष्ठ जांच के लिए देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस को जो पदक मिले हैं। उनमें राजस्थान को ९, केरल को ९, तमिलनाडु को ८, पश्चिम बंगाल को ८, मध्य प्रदेश को ७, गुजरात को ६, कर्नाटक को ५, आंध्र प्रदेश को ५, तेलंगाना को ५, असम को ४, ओडिशा को ४, बिहार को ४, छत्तीसगढ़ को ३, हरियाणा को ३, झारखंड को २, पंजाब को २, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, दादरा नगर हवेली, लद्दाख, लक्षद्वीप, पुडुचेरी को १-१ पदक मिले हैं।
स्पेशल कमिश्नर का पद और पदक का सूखा
जोड़-तोड़कर सत्ता में आई महाराष्ट्र की नई सरकार ने पहली बार मुंबई में स्पेशल कमिश्नर की पोस्ट गढ़ी और १९९४ बैच के आईपीएस अधिकारी देवेन भारती को मुंबई पुलिस का पहला स्पेशल कमिश्नर नियुक्त किया। सरकार ने भले ही स्पेशल कमिश्नर का पद गढ़ दिया, लेकिन जिम्मेदारियां तय नहीं की। अब जानकारों का कहना है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसालकर, स्पेशल पुलिस कमिश्नर देवेन भारती का डबल पावर भी मुंबई पुलिस को जांच में उन्नत नहीं बना पाया।