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इनसाइड स्टोरी: बिना इंटरनेट मोबाइल पर देख पाएंगे टीवी! डीटीएम टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है सरकार, करोड़ों मोबाइलों तक पहुंच बनाकर एक तीर से कई शिकार

एसपी यादव
केंद्र सरकार बिना डेटा कनेक्शन के फोन पर लाइव टीवी दिखाने की डीटीएम (डायरेक्ट-टू-मोबाइल) तकनीक तलाश रही है, जो डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) की तरह काम करेगी। दूरसंचार विभाग, सूचना-प्रसारण मंत्रालय और आईआईटी-कानपुर इस तकनीक पर काम कर रहे हैं। इससे लोग फोन पर वैसे ही टीवी देख पाएंगे, जैसे डीटीएच और केबल कनेक्शन में देखते हैं।
सरकार की पहल पर कंपनियों की नजर
टेलीकॉम कंपनियों की नजर सरकार की इस पहल पर है। संभावना जताई जा रही है कि टेलीकॉम ऑपरेटर इसका विरोध कर सकते हैं। टेलीकॉम ऑपरेटर्स को डर है कि अगर लोग मोबाइल फोन पर बिना डेटा खर्च किए लाइव टीवी चैनल देखेंगे तो उनको नुकसान होगा। ऐसा होने पर लोग डेटा कम खर्च करेंगे। इससे टेलीकॉम ऑपरेटर्स की कमाई घट जाएगी। ५जी लॉन्च होने के बाद डेटा स्पीड बढ़ी है। लोग बिना परेशानी के मोबाइल पर अच्छी क्वॉलिटी के वीडियो देख रहे हैं। टेलीकॉम ऑपरेटरों की मुख्य कमाई वीडियो देखे जाने से होती है।
टीवी की पहुंच केवल २२ करोड़ घरों तक
वर्तमान में टीवी की पहुंच लगभग २२ करोड़ घरों तक सीमित है, लेकिन देश में लगभग ८० करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं, जो २०२६ तक १ अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में इस नई तकनीक के आने से टीवी कंटेंट को अधिक संख्या में लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा।
टीवी दिखाओ, लाज बचाओ
डीटूएम तकनीक को कुछ जानकार सरकार का एक तीर से कई शिकार करनेवाला कदम बता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में समूचा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सरकार का भोंपू बन गया है। हालांकि, कामकाजी लोग टीवी के बजाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों (व्हॉट्सऐप, फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर आदि) से अपनी समाचार की खुराक लेते हैं, जहां उन्हें अब भी सटीक खबरें मिल जाती हैं। ऐसे में सरकारी खामियां लोगों तक पहुंच जाती हैं। आज इंटरनेट पर आने वाला ८० प्रतिशत ट्रैफिक वीडियो से मिलता है। यदि बिना इंटरनेट मोबाइल पर टीवी दिखेगा तो करोड़ों मोबाइल धारक सरकार की पोल खोलनेवाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से अपनेआप ही दूर हो जाएंगे।
जीवन का अंग बन गया है इंटरनेट
मौजूदा समय में इंटरनेट हम सभी की जरूरत बन गया है। बच्चों की पढ़ाई में भी अब मोबाइल का इस्तेमाल होने लगा है। सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों के जरिए गपशप के साथ-साथ लोग जरूरी कामकाज भी निपटा रहे हैं। ऐसे में इंटरनेट रिचार्ज से टेलीकॉम कंपनियों को मोटी कमाई हो रही है। यदि सरकार डीटूएम तकनीक लाने में सफल हो जाती है तो मोबाइल धारक बिना इंटरनेट लाइव टीवी और सिनेमा देख पाएंगे। इससे मोबाइल नेटवर्क भी सुधरने की संभावना है।
अगले हफ्ते हो सकती है बैठक
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार डीटूएम तकनीक की व्यवहार्यता की जांच कर रही है। इस बारे में कोई भी ठोस निर्णय दूरसंचार ऑपरेटरों सहित सभी हितधारकों के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस संबंध में अगले एक सप्ताह में दूरसंचार विभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और आईआईटी कानपुर के अधिकारी बैठक कर सकते हैं। ५जी लॉन्च होने के बाद मोबाइल फोन पर कंटेंट की भरमार हो गई है। ऐसे में सरकारी अधिकारियों का मानना है कि कंटेंट डिलिवरी को ब्रॉडबैंड के माध्यम से एकीकृत किया जाना चाहिए।

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