मुख्यपृष्ठस्तंभअंदर की बात : गहलोत का छक्का

अंदर की बात : गहलोत का छक्का

रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण के अंतिम क्षणों में एकाएक प्रदेश में १९ नए जिलों के गठन की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। एक साथ इतने जिले बनने की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। गहलोत ने दूदू जैसी ग्राम पंचायत को भी जिला बना दिया। नए जिलों के गठन पर गहलोत का कहना है कि इससे प्रशासनिक तंत्र मजबूत होगा और आमजन को सुविधाएं मिलेंगी। जिलों की घोषणा से कुछ ही दिन पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए बनाई गई रामलुभाया की अध्यक्षता वाली विशेषाधिकार समिति का कार्यकाल ६ महीने के लिए बढ़ाया था। तब सभी ने मान लिया था कि नए जिलों का गठन टाल दिया गया है। मगर अचानक ही सब कुछ ऐसे हुआ, जैसे कोई चमत्कार हो गया हो। हालांकि नए जिलों के गठन से वंचित रहे बहुत से शहरों में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। सुजानगढ़, सूरतगढ़, भीनमाल, तिजारा, मालपुरा, नोखा जैसे बहुत से स्थानों को जिला नहीं बनाने पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। कई स्थानों के लोग नए जिलों में शामिल नहीं किए जाने की भी मांग कर रहे हैं, जिस पर गौर किया जाना चाहिए।

रेल मंत्री भी सीएम की रेस में
भाजपा की तरफ से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं। हाल ही में ब्राह्मण समाज ने जयपुर में एक बहुत बड़े सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें कांग्रेस व भाजपा से ब्राह्मण समाज के तीस-तीस लोगों को विधानसभा टिकट देने की मांग की गई थी। उस सम्मेलन में शामिल होने के लिए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव विशेष रूप से जयपुर आए थे। ब्राह्मण समाज के नेताओं ने अपने संबोधन में अश्विनी वैष्णव को भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। ब्राह्मण समाज के नेताओं का कहना था कि राजस्थान में उनके समाज से कई मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे में अश्विनी वैष्णव भी मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकते? राजस्थान भाजपा में मुख्यमंत्री के दावेदारों की संख्या बढ़ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जहां स्वयं को अगला मुख्यमंत्री मान रही हैं। वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत भी दौड़ में शामिल हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्वनी वैष्णव दोनों ही जोधपुर संभाग से आते हैं। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्री भूपेंद्र यादव भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं।

पायलट का प्रहार
राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ना तय माना जा रहा है। वरिष्ठ नेता सचिन पायलट अब मुख्यमंत्री पद की मांग नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन्हें जब भी मौका मिलता है, मुख्यमंत्री गहलोत पर बयान देने से नहीं चूकते हैं। पायलट बार-बार बयान देते रहते हैं कि उन्हें किसी पद की जरूरत नहीं है। वह बिना पद के भी पार्टी में राजनीति करते रहेंगे। हाल ही में पायलट ने कहा की पार्टी के खिलाफ काम करने वाले तीन नेताओं पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि ६ महीने का समय बीत चुका है। इससे आम पार्टी कार्यकर्ता में गलत संदेश जा रहा है। गहलोत की जादूगरी पर बयान देते हुए पायलट ने कहा कि जादूगर तो नीली छतरी वाला है। बाकि आदमी तो सिर्फ हाथ की सफाई कर सकता है, जो कर रहे हैं। पायलट के तीखे तेवर देखकर लगता है कि वह मुख्यमंत्री गहलोत से सुलह करने के मूड में नहीं हैं। हालांकि कांग्रेस आलाकमान पायलट पर पूरी नजर रखे हुए है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के सबसे बड़े नेता हैं। ऐसे में उन्हें खुद सबसे जाकर मिलना चाहिए।

विधायक ने जूते पहने
राजस्थान में बाड़मेर जिले की पचपदरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत की मांग पूरी होने पर आखिर उन्होंने जूते पहन ही लिए। मदन प्रजापत अपने विधानसभा क्षेत्र के बालोतरा को जिला बनवाने की मांग को लेकर पिछले एक साल से नंगे पांव ही घूम रहे थे। एक साल पूर्व उन्होंने प्रण किया था कि जब तक बालोतरा जिला नहीं बनेगा वह नंगे पैर ही घूमेंगे। पिछले दिनों राहुल गांधी की राजस्थान में पदयात्रा के दौरान भी उनकी राहुल गांधी के साथ नंगे पैर ही चलने की फोटो वायरल हुई थी। राजस्थान के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अचानक ही १९ नए जिले बनाने की घोषणा की थी, जिसमें बालोतरा का नाम भी शामिल था। बालोतरा के जिला बनने से मदन प्रजापत की प्रतिज्ञा पूरी हो गई और उन्होंने फिर से जूते पहनने शुरू कर दिए हैं। जिला बनने पर अपने समर्थकों के साथ मदन प्रजापत ने जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास पर जाकर उनको बधाई दी। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने भी मदन प्रजापत को साफा पहनाकर बधाई दी। बालोतरा को जिला बनवाने के लिए एक साल तक नंगे पैर चले विधायक मदन प्रजापत को उनके समर्थकों ने चांदी की जूतियां बनाकर पहनाई हैं।

(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं। इनके लेख देश के कई समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।)

अन्य समाचार