मुख्यपृष्ठनए समाचारकिसी राज्य के मुख्यमंत्री को अपमानित करना लोकतंत्र नहीं है!.. संजय राऊत...

किसी राज्य के मुख्यमंत्री को अपमानित करना लोकतंत्र नहीं है!.. संजय राऊत ने ली भाजपा की खबर

सामना संवाददाता / मुंबई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को नीति आयोग की बैठक हुई। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित थीं। बैठक के दौरान जब ममता बनर्जी बोल रही थीं तो उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया। इसे ध्यान में रखकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता सांसद संजय राऊत ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। राऊत ने कहा, किसी राज्य के मुख्यमंत्री का इस तरह अपमान करना लोकतंत्र को शोभा नहीं देता।
राऊत ने कहा कि ममता जी को बोलने नहीं दिया गया, अपने विचार व्यक्त नहीं करने दिए गए, उनका माइक बंद कर दिया गया। पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य की मुख्यमंत्री का अपमान करना लोकतंत्र के लिए अशोभनीय है। चाहे लोकसभा हो, चाहे राज्यसभा हो, हमारे माइक बंद हैं लेकिन किसी राज्य के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री के सामने बोलने से रोकना ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री अपनी दाढ़ी पर हाथ घुमाकर लौट आए
राज्य में जीएसटी रिफंड को लेकर कई दिक्कतें हैं। इसके लिए केंद्र को मदद करनी चाहिए। केंद्र सरकार कुर्सी बचाने के लिए आंध्र प्रदेश और बिहार को भरपूर मौका दे रही है। यह अधिकार सभी राज्यों का है। ये पैसा केंद्र सरकार का नहीं है, ये मोदीजी या शाह के गुजरात से नहीं आता है। ये देश की जनता का पैसा है। महाराष्ट्र को यह कहकर क्या मिला कि यह टैक्स और जीएसटी संग्रह का पैसा है? ऐसा सवाल भी राऊत ने पूछा है। राऊत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी तंज कसा और कहा कि मुख्यमंत्री गए और अपनी दाढ़ी पर हाथ घुमाकर वापस आ गए।
अजीत पवार-अमित शाह की गुप्त मुलाकात
धीरे-धीरे पता चल रहा है कि महाराष्ट्र को लेकर फर्जीवाड़ा शुरू हुआ है। महाराष्ट्र में थिएटर व नाटक की एक महान परंपरा है। रंगमंच ने महाराष्ट्र को कई महान कलाकार दिए हैं। महाराष्ट्र में रंगमंच की परंपरा है। ऐसा लगता है कि इस थियेटर ने अजीत पवार, देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे को नजरअंदाज कर दिया है। उन्हें भी मंच पर अपने नाटकों में शामिल करना चाहिए क्योंकि वे जितनी अच्छी तरह मेकअप करते हैं, उतनी ही अच्छी तरह वे अपना चेहरा भी बदलते हैं। कितने अच्छे तरीके से मंच पर राजनीति के धुरंधर काम करते हैं। अजीत पवार किसी नाट्य कलाकार की तरह अपना नाम बदलकर, टोपी पहनकर और नकली मूंछें लगाकर दिल्ली में अमित शाह से मिलने जा रहे थे। रात १२ बजे के बाद देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे भेष बदलकर मुंबई में लैंप की रोशनी में बैठकर चर्चा कर रहे थे कि सरकार वैâसे गिराई जाए और लोगों को पता नहीं चला कि ये दोनों बात कर रहे हैं। मेरा मतलब है कि मेकअप कितना अच्छा किया गया था। यह बहुत गंभीर बात है कि राजनीति में इन अभिनेताओं ने मराठी थिएटर और फिल्म उद्योग को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है ऐसा तंज भी राऊत ने कसा।
शिंदे भी भेष बदलकर पटेल से मिलते थे
अब एकनाथ शिंदे जैसे लोग फर्जी कहानियां लिख रहे हैं और फिल्में बना रहे हैं। यदि वे अपने द्वारा रचित नाटक पर आधारित कोई नाटक या फिल्म नहीं लिख सकते, तो मैं एक महान लेखक हूं। मैं लिखता हूं, मैं स्थिति को उनसे बेहतर जानता हूं। जब पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री थे तो वे भेष बदलकर अहमद पटेल से मिलने जाया करते थे। जब बीजेपी का राज नहीं था। पृथ्वीराज चव्हाण ही सबसे अच्छे से बता सकते हैं कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब भी वह अहमद पटेल से कैसे मिलते थे। अजीत पवार एक महान चरित्र वाले व्यक्ति हैं, यह स्पष्ट है।
विधानसभा के बाद मुख्यमंत्री पद का नाम सामने आएगा
बीजेपी और अजीत पवार के गठबंधन में एकनाथ शिंदे इतने बड़े नेता हैं कि वह २८८ सीटें भी जीत सकते हैं। राज्य का मुख्यमंत्री पद किसे मिलता है यह विधानसभा के नतीजे के बाद पता चलेगा। एकनाथ शिंदे को यह पद १०० फीसदी नहीं मिलेगा। अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद नहीं मिलेगा, लेकिन कोई अलग ही नाम सामने आएगा ऐसी भविष्यवाणी भी राऊत ने की।
लाडली बहन योजना को लेकर उन्होंने कहा कि पूरे महाराष्ट्र ने देखा है कि शिंदे के पेट में क्या है और होठों पर क्या है। इसलिए शिंदे पर ध्यान मत दीजिए। महाराष्ट्र पर आठ लाख करोड़ का कर्ज है।

अन्य समाचार