जितेंद्र मल्लाह
धरती पर मां को भगवान का दर्जा दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि एक मां अपने बच्चों के लिए मौत से भी लड़ सकती है तथा पूत कपूत हो सकता है, लेकिन एक मां कभी कुमाता नहीं हो सकती है। हालांकि, सौतेली मांओं को अबतक इसमें अपवाद माना जाता था लेकिन कलियुग में सगी मांओं पर भी स्वार्थ और सनक हावी होती दिख रही है। जैसा कि हरियाणा के चंडीगढ़ में एक महिला ने अपनी ९ महीने की जुड़वां मासूम बेटियों को मौत के घाट उतार दिया। १२ जुलाई को घटी इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि महिला ने सबको रो-रो कर बताया कि अचानक तबीयत बिगड़ने से दोनों बच्चियों की मौत हो गई। हालांकि, एक साथ दो जुड़वां बच्चियों की `बीमारी’ से मौत की बात लोगों को हजम तो नहीं हो रही थी, लेकिन उन बच्चियों की मां का क्रंदन के आगे परिजन शक त्यागकर बच्चियों के अंतिम संस्कार (दफनाने) को मजबूर हुए। लेकिन इसे आत्मग्लानि कहें या मूर्खता, महिला ने बाद में पड़ोसियों और परिजनों को ये बता कर चौंका दिया कि बच्चियों का उसने तकिए से गला घोंटा था। पत्नी द्वारा बार-बार ये कबूल करने पर पति ने पुलिस में शिकायत कर दी। हैरानी की बात ये है कि महिला अपना गुनाह पुलिस के समक्ष भी कबूल कर चुकी है। अब पुलिस बच्चियों के शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम व अन्य फोरेंसिक जांच के जरिए सच्चाई सामने लाने की कोशिशों में जुट गई है। गौरतलब हो कि मां द्वारा बच्चों की हत्या का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले इसी साल जनवरी महीने में यूपी के झांसी जिले में, फरवरी में शिकोहाबाद, मार्च में नोएडा जबकि जून में बारा और इसी जुलाई महीने में बिहार के कटिहार व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से मांओं द्वारा प्रेम संबंधों में बाधा बनने या फिर पोल खुलने के डर से अपने मासूम बच्चों के कत्ल कराए जाने की सनसनीखेज घटनाएं घट चुकी हैं। इससे ये कह सकते हैं कि कलियुग के प्रभाव के कारण अब सगी माएं भी कुमाता साबित हो रही हैं।
मोबाइल बाबा की क्राइम क्लास!
बच्चों में हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसके लिए इंटरनेट और स्मार्ट फोन को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध होनेवाली आपत्तिजनक सामग्रियों के कारण बच्चों में दुष्प्रवृत्ति बढ़ रही है। रेप, चोरी, लूट, हत्या और अपहरण जैसे अपराधों में उनकी संलिप्तता बढ़ रही है। यूपी के देवरिया जिले से सामने आए इसी तरह के एक मामले में दो नाबालिग दोस्तों ने ननिहाल में रह रहे एक मासूम को रविवार की रात अगवा करके मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारों ने उसका शव बोरे में भरकर खेत में फेंक दिया था। रिश्ते में मामा लगनेवाले आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बच्चे के नाना को सबक सिखाने के लिए उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। कक्षा दस में पढ़नेवाले मुख्य आरोपी ने बताया कि मासूम का अपहरण कर हत्या करने के लिए उसने यूट्यूब पर कई फिल्में देखकर तरीका सीखा था। किसी को शक न हो इसलिए वह वारदात के बाद परिजनों के साथ बच्चे को ढूंढ़ने का नाटक भी करता था।