जितेंद्र मल्लाह
`मुहब्बत’ मैरेज और मौत!
पति से संबंधों में कड़वाहट हरियाणा के रेवाड़ी स्थित रामपुरा थाना क्षेत्र की निवासी दिशा (बदला हुआ नाम) को दीपक के करीब ले गई। राजस्थान के खुशखेड़ा स्थित जिस निजी कंपनी में दिशा काम करती थी, दीपक वहां कर्मचारियों को लाने और वापस छोड़नेवाली बस का चालक था। पति की दिशा के साथ अनबन का दीपक ने भरपूर लाभ उठाया। सहानुभूति दिखाकर उसने दिशा को प्रेमजाल में फंसा लिया। विवाहित होने के बाद भी दिशा ने उसे अपना जीवनसाथी मान लिया और अपना सर्वस्व सौंप दिया, लेकिन जब बात शादी तक पहुंची तो दीपक हैवान बन गया। ८ दिसंबर २०२२ को दीपक ने दिशा को कोर्ट मैरेज के बहाने रेवाड़ी के सुलखा गांव बुलाया और अपने दोस्त नरेंद्र की मदद से उसका गला घोंट दिया। मृतका की पहचान छिपाने के लिए दोनों ने पत्थर से कूचकर शव का चेहरा बिगाड़ दिया, लेकिन पुलिस ने अपनी सूझ-बूझ और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से दीपक और नरेंद्र को दबोच लिया।
घोड़ा तो घर में ही था!
यूपी के किसी न किसी हिस्से से एनकाउंटर की खबरें लगभग रोज ही आती रहती हैं। वैसे एनकाउंटर यानी पुलिस की कुख्यात अपराधियों से सीधी मुठभेड़ों पर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। ऐसे ही सवालों के कारण उत्तर प्रदेश और पंजाब में हाल ही में हुए एनकाउंटर के दो मामले सुर्खियों में आ गए हैं। यूपी के फर्रुखाबाद जिला स्थित कन्नौज जनपद अंतर्गत कोतवाली सदर, गांव हीरापुरवा निवासी अनीता ने सीजेएम कोर्ट में कन्नौज सदर कोतवाल सहित १४ लोगों के खिलाफ फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए अर्जी दायर की है। महिला का आरोप है कि उसके पुत्र विनोद राजपूत व भतीजे दीपक उर्फ दीपू के खिलाफ हत्या का मुकदमा कन्नौज सदर कोतवाली में दर्ज हुआ था। दोनों मुकदमे में वांछित चल रहे थे। दोनों २७ जून को आत्मसमर्पण के लिए ट्रेन से कन्नौज आ रहे थे। खुदागंज के पास मजिस्ट्रेट चेकिंग में दोनों बिना टिकट यात्रा करते पक़ड़े गए और उन्हें जिला जेल फतेहगढ़ भेज दिया गया। कन्नौज पुलिस २८ जून को उन्हें जिला जेल से बलपूर्वक अपने साथ ले गई। बाद में दोनों के पैर में गोली मारकर फर्जी एनकाउंटर दिखा दिया। जबकि पुत्र व भतीजे को पकड़कर ले जाने के फुटेज जिला जेल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हैं। महिला ने शिकायत में दावा किया है कि इस मामले में फतेहगढ़ कोतवाली व एसपी को प्रार्थना पत्र देने के बाद भी सुनवाई नहीं की गई। कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद कोतवाल फतेहगढ़ से आख्या मांगी है। इसी तरह पंजाब के बठिंडा में हुआ गैंगस्टर जसविंदर सिंह उर्फ घोड़ा के एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे हैं। घोड़ा की मां राजप्रीत कौर और गांववासियों ने एक सुर में इसे फर्जी बताया है। उनका दावा है कि सोमवार सुबह घोड़ा घर में ही मौजूद था। पुलिस की एक टीम उसे घर से उठाकर ले गई थी। शाम को पता चला कि पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी बनाई और घोड़ा के पैर पर गोली मारकर एनकाउंटर दिखा दिया। गांव जज्जल के पूर्व सरपंच जगदेव सिंह का कहना है कि घोड़ा को घर से ले जाने की घटना घर के समीप स्थित आटा चक्की में लगे सीसीटीवी कैमरे में अवश्य कैद हुई होगी, लेकिन इसकी भनक लगते ही पुलिस वाले सीसीटीवी की डीवीआर भी अपने साथ उठा ले गए।