फिरोज खान
बिहार के बेगूसराय के मुशहरी गांव में एक के बाद एक हो रहे कत्ल से पूरे इलाके में खौफ तारी था। चंद महीनों में तीन मर्डर हो चुके थे। लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया था कि आखिर कौन और क्यों बेगुनाह बच्चों की हत्या कर रहा है? दो बच्चों की लाश तो मिल गई थी, लेकिन एक बच्ची की लाश का पता नहीं चल पा रहा था। खैर, मुशहरी गांव पहुंची पुलिस लापता बच्ची के माता-पिता से बच्ची के बारे में जानकारी ले रही थी, तभी बच्ची की मां ने कहा कि उसे पड़ोस में रहनेवाले ८ साल के बच्चे पर शक है। महिला की बात सुनकर पुलिस ने कहा कि बेटी के खो जाने से तुम्हारे दिमाग पर असर पड़ा है, भला ८ वर्ष का बच्चा वैâसे अपराध कर सकता है क्योंकि हर कत्ल के पीछे रंजिश या फिर कोई बड़ी वजह होती है। अब दूसरे दिन पुलिस के पास फिर पहुंची महिला ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि उसने ही उनकी बेटी का कत्ल किया है। महिला द्वारा एक ही बात को बार-बार दोहराए जाने के बाद पुलिस बच्चे को पूछताछ के लिए थाने ले आई। थाने पहुंचने के बाद बच्चा कभी पुलिस की टोपी और कभी उनकी कलम लेने के लिए अपने हाथ बढ़ाता। खैर, किसी तरह उसे बिठाकर जब पुलिस ने बड़े प्यार से उससे सवाल पूछा कि ‘बच्ची कहां है?’ तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद पुलिस ने कहा कि हम तुम्हारे पड़ोस में रहनेवाली बच्ची के बारे में पूछ रहे हैं? पुलिस की बात सुनकर बच्चे ने कहा, ‘पहले चॉकलेट खिलाओ, फिर बताऊंगा।’ चॉकलेट खाने के बाद बच्चे ने खुलासा करते हुए बताया कि उसने बच्ची को गड्ढे में धकेलकर मार डाला। इसके साथ ही बच्चे ने अपनी सगी बहन के कत्ल करने के साथ ही कुल तीन बच्चों को मार डालने की बात स्वीकारी। अब पुलिस के सामने यह सवाल था कि महज ८ वर्ष का बच्चा सीरियल किलर कैसे हो सकता है? खैर, बच्चे को डॉक्टर को दिखाने के बाद डॉक्टर ने बच्चे से सवाल करने के साथ ही उसकी दिमागी जांच करवाई। रिपोर्ट में पता चला कि बच्चे को ‘कंडक्ट डिसऑर्डर’ नामक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को दूसरों को दर्द देने और दूसरों का ब्लड देखने का नशा होता है।