नागमणि पांडेय
इतिहास में दोस्ती की कई मिसालें दी जाती हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है जो इंसान खुद के द्वारा बनाता है। लेकिन दोस्तों के कुछ ऐसे भी उदाहरण मिलते हैं जो इस रिश्ते को न केवल दागदार बना देते हैं बल्कि ताउम्र के लिए जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं। ऐसा ही एक मामला नई मुंबई में वर्ष २०१५ में सामने आया था। जिसमें महज चंद रुपयों के लिए दो दोस्तों ने मिलकर अपने तीसरे दोस्त की हत्या कर दी। इतना ही नहीं, दोंनो आरोपियों ने हत्या करने के बाद शव के टुकड़े कर उसे कचरे में फेंक दिया। लेकिन जैसा कि हर अपराध के बाद होता है आरोपी भी अब अपने किये की सजा जेल में भुगत रहे हैंै।
नई मुंबई के बेलापुर रेलवे स्टेशन के बाहर एसटी बस डिपो के पीछे रखे एक कचरे के डिब्बे में ७ जुलाई २०१५ की सुबह एक नीले रंग की थैली में कई टुकड़ों में शव होने की जानकारी सीबीडी-बेलापुर पुलिस को मिली। इस घटना के बाद सीबीडी पुलिस स्टेशन के अधिकारी तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे और टुकड़ों में पड़े शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को तो यह कन्फर्म हो गया था कि यह हत्या का मामला है। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस को घटना स्थल से किसी भी प्रकार का सुराग हाथ नहोंr लगा, इसके बावजूद अलग-अलग टीम बनाकर जांच शुरू की। पुलिस ने घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरोें के साथ ही शहर भर में गायब लोगोें की जानकारी खंगालना शुरू की। इसके साथ ही शव के फोटो को शहर भर में लगाया गया। इस बीच पुलिस को यह पता चला कि मृतक का नाम कार्तिक जायसवाल है जो मूल रूप से बिहार का रहने वाला था। और वह बेलापुर रेलवे स्टेशन के सामने स्थित शौचालय में अपने दोस्तों के साथ रहता था और वहीं काम करता था। इसके बाद पुलिस ने शौचालय में काम करने वाले सत्यनारायण यादव (२८) और मनोज यादव (२३) को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पहले तो इन दोनों ने बार-बार अपना बयान बदलकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने इन दोनों से कड़ाई से पूछताछ की तो ये दोनों टूट गए और कार्तिक की हत्या करने की बात कबूलकर ली। इन्होेंने पुलिस को बताया कि कार्तिक को उधार में पैसे मांगने की आदत थी, वह किसी न किसी बहाने से अपने दोनों साथियों से भी पैसे उधार लेता रहता था और मांगने पर टालमटोल करता था। कार्तिक की इस आदत से मनोज और सत्यनारायण परेशान हो गए थे। इसी बात को लेकर इन लोगों ने कार्तिक को हमेशा के लिए खत्म करने की साजिश रच डाली। इस योजना को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने ४ जुलाई को बाथरूम में ही कार्तिक का गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव के चार टूकड़े कर प्लास्टिक की थैली में बांधकर शौचालय में ही रख दिया। लेकिन दो दिनों बाद शवमें से बदबू आने लगी तब इन दोनों ने शव को बेलापुर स्टेशन के बाहर कचरा कुंडी में फेंक दिया। महज कुछ रुपए के लिए दोस्त की निर्मम तरीके से हत्या करने की बात सुनकर पुलिस भी सन्न रह गई। इस मामले में ठाणे कोर्ट द्वारा आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। आरोपी अब अपने गुनाहों की सजा काट रहे हैं।
इंसान बना देवदूत