मुख्यपृष्ठअपराधतहकीकात: लालच ने बनाया अंधा, मंदिर में लूट के लिए की पुजारी...

तहकीकात: लालच ने बनाया अंधा, मंदिर में लूट के लिए की पुजारी की हत्या! जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे आरोपी

नागमणि पांडेय

मंदिरों में लोग ईश्वर के दर्शन करने के लिए जाते हैं लेकिन भीड़ में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिनकी नजर ईश्वर की तरफ कम और वहां आनेवाले चढ़ावे की तरफ अधिक होती है। कभी-कभी यही लालच किसी के जीवन का अंतिम दिन बन जाता है। आज की तहकीकात इसी की पड़ताल करती है।
क्या था मामला?
मुंबई के उपनगर दहिसर के पास जंगल में स्थित वाघेश्वरी मंदिर में पिछले ३० वर्षों से पूजा करने वाले पुजारी रविदत्त पुरी (९३) की हत्या ६ मार्च २०१४ की रात कर दी गई थी। इस घटना की जानकारी तब हुई जब पूजा करने आए एक भक्त रमेशचंद्र नानजीभाई जेठवा ने मंदिर में प्रवेश किया। उन्होंने देखा कि मंदिर के पुजारी बाबा रवीदत्त महाराज खून से लथपथ पड़े हुए हैं। इस घटना की जानकारी उन्होंने तुरंत दहिसर पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने बाबा को तत्काल अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाबा रविदत्त महाराज के सर, गर्दन पर और पेट पर कई वार किए गए थे। प्राथमिक जांच में ाुलिस को जानकारी मिली कि मंदिर से किसी भी तरह का सामान चोरी नहीं हुआ है। इसके बाद पुलिस ने जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। क्राइम ब्रांच पुलिस ने आस-पास के नागरिकों से और बाबा को जानने वाले भक्तों से पूछताछ की, लेकिन किसी भी तरह का सुराग नहीं मिला। इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि बाबा प्रति वर्ष साल में एक बार गुजरात के जूनागढ़ स्थित महादेव मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते थे। उनकी अनुपस्थिति में इस मंदिर में पूजा मौनी बाबा किया करते थे। पुलिस ने मौनी बाबा को सोलापुर से हिरासत में लिया और उनसे भी पूछताछ की, लेकिन किसी भी तरह का सुराग हाथ नहीं लगा। इसी बीच अपराध शाखा यूनिट १२ के पुलिस अधिकारी ऑस्कर कोलासो को जानकारी मिली कि बोरीवली के दो युवक इस हत्याकांड में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद पुलिस ने बोरीवली पूर्व से दोनों संदिग्धों रवि फूलन पटेल (२६) तथा संदीप रोहिदास निपोटे (३२) को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उन्होंने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।
ऐसे खुला हत्या का राज
उन्होंने पुलिस को बताया कि हत्या से पहले मंदिर में महाशिवरात्रि उत्सव का आयोजन किया गया था। इस उत्सव के दौरान हजारों की संख्या में भक्त मंदिर में आए थे। इस की जानकारी वहां लकड़ी बेचने वाले आरोपी रवि पटेल को थी। जिस के बाद उसने संदीप निपोटे के साथ मिलकर मंदिर की दानपेटी को लूटने का प्लान बनाया। प्लान के अनुसार, ६ मार्च की रात को मंदिर की दानपेटी को चोरी करते समय बाबा रविदत्त महाराज ने देख लिया और इसका विरोध करने लगे। तभी दोनों आरोपियों ने बाबा पर लाठी और चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों लोग दानपेटी लेकर भाग गए। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अब दोनों जेल की हवा खा रहे हैं।
बाबा का गुजरात कनेक्शन
पुलिस उपायुक्त (क्राईम) अंबादास पोटे के अनुसार, इस मामले की शुरुआती जांच में किसी भी तरह का सुराग हाथ नहीं लगा था, बताया गया कि बाबा रविदत्त महाराज गुजरात के जूनागढ़ स्थित एक मंदिर के महंत थे। लेकिन वहां से भ्रमण करते वे दहिसर आ गए और यहां के मंदिर में स्थाई रूप से रहने लगे थे। यहां आने के बाद जूनागढ़ वाले मंदिर के ट्रस्टी पद से उन्हें निकाल दिया गया, जिसकी शिकायत बाबा ने स्थानीय कलेक्टर से की थी और इसके लिए बाबा प्रति वर्ष वहां जाते थे। इसलिए पुलिस यह अनुमान लगा रही थी कि शायद उसी विवाद में बाबा की हत्या की गई होगी। लेकिन जांच में इस तरह का कुछ नहीं मिला। इस मामले में पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के आधार पर आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया जो अब अपने जुर्म की सजा काट रहे हैं।

 

 

अन्य समाचार

बोले तारे