फिरोज खान
एक पैर से दिव्यांग व्यक्ति को देखकर कोई नहीं कह सकता है कि यह शातिर चोर करोड़पति हो सकता है। अपने दिव्यांगता का फायदा उ’ाकर वह पिछले १३ सालों से चोरी को अंजाम दे रहा था। चोरी में माहिर दिव्यांग व्यक्ति एक-एक दिन में २५ लाख के गहने और वैâश की चोरी करता था। पकड़े गए दिव्यांग चोर ने जब अपने हाथ की सफाई और चोरी करने के तरीके का खुलासा किया तो पुलिस भी दंग रह गई। लंबे समय से लोगों की आंखों में धूल झोंककर चोरी करनेवाला दिव्यांग चोर आखिरकार रंगे हाथों पकड़ा गया। दिव्यांग चोर बड़े ही नाटकीय ढंग से चोरी को अंजाम दे रहा था, लेकिन उसकी दाल नहीं गली और वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
गत रविवार को बिहार के पटना स्थित पाटलिपुत्र पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नेहरू नगर में दिव्यांग चोर ने हमेशा की तरह चोरी की योजना बनाई। एक मकान के पास पहुंचकर जब दिव्यांग चोर ने देखा कि मकान में कोई नहीं है तो नकली चाबी का इस्तेमाल कर वो मकान में प्रविष्ट हो गया। दिव्यांग होने की वजह से किसी को उस पर शक भी नहीं होता था। खैर, मकान के पास कुछ देर तक मंडराने के बाद जब वह घर में घुसा तो मकान की साज-सज्जा और वहां रखे कीमती सामान को देख वह प्रसन्न हो गया। उसे लगा कि उसके हाथों आज लाखों का माल लग सकता है। अभी वह जेवरात और वैâश की तलाश में था कि एक व्यक्ति जिसने उसे मकान के आसपास मंडारते देखा था, को शक हुआ कि मकान में रहनेवाले सभी लोग तो बाहर गए हुए हैं। अत: संदेह होने पर उसने तुरंत पुलिस को इस बात की सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि दिव्यांग चोर जेवरात और वैâश चुराकर एक बैग में भर रहा था। पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि दिव्यांग चोर पिछले १३ वर्षों से चोरी का धंधा करता था। पटना के रामकृष्ण नगर में किराए के मकान से पुलिस ने २५ लाख के गहने और वैâश बरामद किया है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि अब तक उसने करोड़ों रुपए की चोरी की है। उसके परिवार में कोई नहीं है। चोरी के पैसे वो अय्याशी में उड़ता था।
कहते हैं न कि चोरी कभी छुपती नहीं है। कभी न कभी चोरी करनेवाला पकड़ा ही जाता है।