मुख्यपृष्ठअपराधतहकीकात : बेटे के गम में भटकती रही मां

तहकीकात : बेटे के गम में भटकती रही मां

फिरोज खान

मां की ममता को समझना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। एक मां की ममता अपने बेटे की मौत पर यकीन करने को तैयार नहीं थी। घर के सभी लोग समझाते-समझाते थक गए कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन मां इस बात को मानने को राजी नहीं थी। बेटे की चाह में वह दर-दर भटकने लगी। गली-नुक्कड़ में ठोकरें खाते हुए बेटे को तलाशती रही। बूढ़ी मां को यकीन था कि उसका बेटा जिंदा है और वह जरूर मिलेगा। इसी विश्वास के चलते उसने घर छोड़ा और भूखी-प्यासी बेटे को खोजती रही। यह सिलसिला दो या चार साल नहीं, बल्कि पूरे तीस वर्षों तक चला। एक वक्त ऐसा भी आया जब बूढ़ी मां शरीर से बिल्कुल कमजोर हो गई, यहां तक कि उसकी याददाश्त भी चली गई। बेटे के गम में पागल बन चुकी मां को होश ही नहीं था कि आखिर वह कहां भटक रही है। परिवार के लोग ढूंढ़कर थक गए, मगर उसका कुछ पता नहीं चला। दो साल पहले नासिक पुलिस को विक्षिप्त बुजुर्ग महिला मिली। पुलिस के लिए यह पता लगाना मुश्किल हो रहा था कि बुजुर्ग महिला कहां से आई है। उसका घर और परिवार कहां है? इसकी अहम वजह यह थी कि बेटे के गम में मां अपनी पिछली जिंदगी के बारे में सब कुछ भूल चुकी थी। पुलिस के सामने यह बड़ी समस्या बन गई थी। बुजुर्ग महिला का हाल देखकर पुलिस ने यह अंदाजा लगाया कि जरूर यह किसी बड़े सदमे से गुजरी है, जिसकी वजह से इसका बुरा हाल हुआ है। पुलिस ने बुजुर्ग महिला को ठाणे के मेंटल अस्पताल में भर्ती करवाकर उसका इलाज शुरू करवाया। पूरा अस्पताल उसे मां कहकर पुकारता और उनकी देखभाल करता था। दो साल तक इलाज चलने के बाद महिला को कुछ बातें याद आने लगीं। डॉक्टरों की टीम रोज उससे पूछने की कोशिश करती कि वो कहां से आई हैं और उनका परिवार कहां रहता है। एक दिन पलंग पर लेटी महिला जोर-जोर से रोने लगी। उसका शरीर थर-थर कांपने लगा। फौरन डॉक्टर और नर्स बुजुर्ग महिला के पास पहुंचे। महिला की याददाश्त आ चुकी थी। रोते-रोते महिला ने बताया कि वह नगर जिले की रहनेवाली है। कुछ सालों पहले उसका १३ साल का बेटा इमली के पेड़ पर चढ़ा था। अचानक हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने महिला के घरवालों को बुलाया और उन्हें इसकी जानकारी दी। परिवार वालों ने डॉक्टरों को बताया कि बुजुर्ग महिला ३० वर्ष पहले अपने बेटे की तलाश में घर से निकली थी। मां की ममता ईश्वर का वरदान है। सच पूछो तो मां, इंसान नहीं भगवान है।

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