नागमणि पांडेय
इंसान हो या जानवर एक मां को अपनी औलाद सबसे प्यारी होती है। यह सर्वविदित सत्य है कि एक मां अपनी औलाद के लिए बड़े से बड़े तूफान से टकराने में गुरेज नहीं करती है। लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसे भी वाकये सुनने या देखने को मिलते हैं कि एक मां ने ही अपने बेटे की हत्या कर दी। आज की तहकीकात भी इसी रिश्ते पर आधारित है, जहां एक मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को न चाहते हुए भी उसे मौत के घाट उतार दिया।
क्या था मामला?
६ अगस्त २०१५ को डोंबिवली स्थित विष्णुनगर पुलिस स्टेशन को जानकारी मिली कि डोंबिवली-पश्चिम के पार्वती निवास बिल्डिंग में एक २० वर्षीय युवक अशोक हीरालाल चौधरी की डेडबॉडी पड़ी है। खबर मिलने के बाद पुलिस की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अभी जांच में ही जुटी थी कि उसे पोस्टमार्टम द्वारा जानकारी मिली कि अशोक की हत्या गला दबाकर की गई है, जिसके बाद पुलिस ने घरवालों से पूछताछ करना शुरू किया। हालांकि, पुलिस को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी। अशोक की मां प्यारी हीरालाल चौधरी (४५) ने पुलिस को बताया कि उसने ही अपने २० वर्षीय बेटे की हत्या की है। उसने पुलिस को आगे बताया कि अशोक नशे का आदी हो गया था, उसे गांजा, अफीम जैसे नशीले पदार्थों का नशा करने की आदत पड़ गई थी। पैसों के लिए उसने घर में चोरी भी करना शुरू कर दिया था। घरवालों द्वारा बार-बार समझाने पर भी वह नहीं मानता था और पैसे के लिए मारपीट करता था।
मां ने रची हत्या की साजिश
घटना वाले दिन भी अशोक ने अपनी मोटरसाइकिल बनवाने और नशे के लिए मां से पैसों की मांग की। जब मां ने पैसा देने से मना किया तो वह झगड़ा करने लगा। इतना ही नहीं, उसने मां के साथ ही मारपीट भी की और जबरन पैसे लेकर घर से बाहर चला गया। देर रात जब वह घर लौटा तो नशे में धुत था, तब अशोक की मां प्यारी चौधरी ने उसकी हत्या करने का प्लान बनाया। अशोक जब नशे की हालत में गहरी नींद में सो गया, तब प्यारी चौधरी ने कंप्यूटर के तार से उसका गला घोंट दिया और उसे मौत की नींद सुला दिया। प्यारी चौधरी के अंदर अशोक के प्रति इतना गुस्सा था कि जब तक अशोक के सांसें बंद नहीं हो गर्इं तब तक उसने गला दबाए रखा।
कोर्ट ने सुनाई सजा
एक मां के द्वारा बेटे की इस तरह से हत्या करने की घटना को सुनकर लोग काफी हैरान थे। आखिरकार, पुलिस ने प्यारी चौधरी को गिरफ्तार कर उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया। अब इस मामले में पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए सबूतों को कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट ने सबूत और गवाहों के आधार पर प्यारी चौधरी को दस वर्ष की सजा सुनाई है।