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तहकीकात: एमबीबीएस छात्रा की अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री, आरोपी से पुलिस नहीं जान सकी हत्या का उद्देश्य, पुलिस ने दायर की चार्जशीट 

अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो अपराध के बाद कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है। आज की तहकीकात भी कुछ ऐसे ही अपराध की पड़ताल करती है। मुंबई में एक एमबीबीएस छात्रा की मर्डर मिस्ट्री का सनसनीखेज खुलासा हुआ। मौत का ऐसा मामला जिसमें लाश नहीं मिली। लेकिन कुछ सुरागों से इस मर्डर मिस्ट्री से पर्दा हट गया। अब कत्ल के आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं और पुलिस आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटा कर सजा दिलाने में जुटी है।
क्या था मामला?
२९ नवंबर २०२१ को मुंबई के बोईसर इलाके की रहने वाली २२ साल की एक एमबीबीएस स्टूडेंट सदिच्छा साने अपने घर से सुबह करीब नौ बजे निकलती है। उसे मुंबई के जेजे अस्पताल में प्रीलिम्स एग्जाम के लिए मौजूद होना था। लेकिन न तो वह एग्जाम देने के लिए पहुंचती है और न ही लौट कर घर आती है। जिसके बाद उसके घरवाले उसकी मिसिंग रिपोर्ट बोईसर पुलिस स्टेशन में लिखवाते हैं। लेकिन पुलिस का ढीला-ढाला रवैया देखकर घरवाले हार कर बीजेपी लीडर चित्रा वाघ के पास जाते हैं, और उनसे न्याय की गुहार लगाते हैं। नेता द्वारा दखल देने के बाद बोईसर पुलिस १० दिसंबर २०२१ को केस दर्ज करती है।
सीसीटीवी वैâमरे में सदिच्छा का सफर
पुलिस जांच में सीसीटीवी से पता चलता है कि सदिच्छा ने सबसे पहले विरार रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ी और अंधेरी में उतर गई। उसके बाद उसने अंधेरी से बांद्रा तक के लिए दूसरी ट्रेन पकड़ी और फिर बांद्रा से एक ऑटो रिक्शा द्वारा बैंड स्टैंड की तरफ जाती हुई देखी गई यानी ये बात साफ हो जाती है कि उसका आखिरी लोकेशन बांद्रा बैंड स्टैंड था। तो मामले की जांच बांद्रा पुलिस के हवाले कर दी जाती है।
मोबाइल की लास्ट लोकेशन
पुलिस अपनी जांच में मोबाइल फोन को ट्रैक करती है, जिससे यह पता चलता है कि सदिच्छा २९ नवंबर को विरार से अंधेरी होती हुई बांद्रा गई थी बैंड स्टैंड में दोपहर के वक्त से लेकर रात के करीब ३ बजे तक उसका फोन एक्टिव था, जो यह साबित करता है कि उसकी लास्ट लोकेशन बैंड स्टैंड ही थी, यानी वो लगातार बीच पर ही थी। लेकिन लाख कोशिश के बावजूद पुलिस यह पता नहीं लगा पाती है कि आखिर बैंड स्टैंड से सदिच्छा कहां गायब हो गई?
नए किरदार की एंट्री
चूंकि पुलिस केस नहीं सुलझा पा रही थी, तो आखिरकार इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की यूनिट ९ के हवाले कर दी जाती है। इसी दौरान केस में एक नए किरदार की एंट्री होती है, जिसका नाम है मिट्ठू सिंह। असल में मिट्ठू सिंह बैंड स्टैंड में ही लाइफ गार्ड का काम करता था। पुलिस को यह पता चलता है कि उसकी ड्यूटी २९ नवंबर को बैंड स्टैंड पर ही थी और आखिरी बार मिट्ठू सिंह को ही उस रात सदिच्छा के साथ देखा गया था। क्राइम ब्रांच को ऐसे कई चश्मदीद मिलते हैं, जिन्होंने मिट्ठू को सदिच्छा के साथ देखा था। अब पुलिस मिट्ठू को पकड़ती है, पूछताछ करती है। वो सदिच्छा से मिलने की बात तो मानता है लेकिन उसकी गुमशुदगी के बारे में कुछ नहीं बताता। पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही है इसका भी एक सबूत मिलता है और वो है सदिच्छा के साथ ली गई उसकी कुछ सेल्फी।
मिट्ठू का नार्को टेस्ट फेल
मिट्ठू की सेल्फी उसे शक के घेरे में ला चुकी थी। पुलिस को पता चलता है कि अगले रोज सुबह यानी ३० नवंबर को घर लौटने के बाद मिट्ठू ने सदिच्छा को फेसबुक पर प्रâेंड रिक्वेस्ट भी भेजा था, यानी वो सदिच्छा के टच में था। लेकिन गुमशुदगी के सवाल पर वो कुछ ऐसे चुप रहा कि पुलिस ने उसका नार्को टेस्ट और ब्रैन मैपिंग भी करवाया, मगर अफसोस, नार्को टेस्ट भी मिट्ठू से सदिच्छा की गुमशुदगी के बारे में कुछ उगलवा नहीं सका।
१४ महीने बाद हुई गिरफ्तारी
पूरे १४ महीने की तफ्तीश के बाद इस मामले में एक नया ट्विस्ट उस समय आता है, जब क्राइम ब्रांच मिट्ठू सिंह को गिरफ्तार करती है। साथ ही जब्बार अंसारी नाम के उसके एक दोस्त को भी पकड़ती है। क्राइम ब्रांच ने बताया कि मिट्ठू सिंह ने सदिच्छा की हत्या की और जब्बार ने सबूत मिटाने में उसकी मदद की। पुलिस ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि जब सदिच्छा समुद्र की तरफ जा रही थी तभी मिट्ठू ने उसका पीछा किया। वहां जाने पर मिट्ठू सदिच्छा को पीछे से पकड़ लेता है, जिसके बाद सदिच्छा कहती है कि वो मरने नहीं जा रही है। इसके बाद दोनों रात साढ़े तीन बजे तक बातें करते हैं। एक गवाह ने पुलिस को बताया था कि उसने २९ नवंबर को सिंह को लाइफ जैकेट और लाइफबेल्ट (फ्लोटिंग रिंग) के साथ समुद्र की ओर तेजी से जाते देखा था। गवाह ने यह भी खुलासा किया कि अंसारी उस रात सिंह के साथ होटल में ही सोया था, जबकि उसका घर सिर्फ दो मिनट की दूरी पर है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह लीड बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई। पीड़ित की तलाश के दौरान उसने बोईसर और बांद्रा पुलिस की मदद की थी, लेकिन उसने पुलिस को कभी नहीं बताया कि वह क्यों लाइफबेल्ट और लाइफ जैकेट के साथ समुद्र में गया था। अब इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ चार्जशीट दायर कर सजा दिलाने में जुटी है।

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