भरतकुमार सोलंकी
निवेश शब्द का उल्लेख हमारे शास्त्रों में नहीं मिलता है। निवेश शब्द उतना ही पुराना है, जितना अंग्रेजों का शासन। दुनियाभर में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान ही ‘निवेश’ शब्द की खोज भारत में भी हुई। गुलामी के दौर में आम जनता के लिए निवेश का कोई औचित्य ही नहीं था। अंग्रेजों के अलावा पैसा, धन-संपत्ति अगर किसी के पास था तो वह सिर्फ राजा महाराजाओं के पास ही था। इसलिए आम लोगों के लिए निवेश का कोई अर्थ ही नहीं था।
भारत के अलावा दुनियाभर में अंग्रेजों ने ही बंदरगाह, जहाज, सड़क-सुरंग, रेल-मार्ग और बड़े-बड़े कंक्रीट के बांध निर्माण में पूंजी निवेश की शुरुआत की थी। इन तमाम निर्माण कार्यों में पूंजी निवेश अंग्रेजों ने अपने व्यापार-व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ही किया था, यह भी जगजाहिर है। परिणामस्वरूप ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ की कई पीढ़ियों को रॉयल्टी इनकम मिलती रही है।
बचत शब्द से हम सब भली-भांति वाकिफ हैं लेकिन निवेश के मामले में हमारे अनुभव बिल्कुल नए हैं। हमारे बाप-दादाओं ने निवेश कभी किया ही नहीं तो हमें भी निवेश करने में डर लगना स्वाभाविक ही है। इसके अलावा निवेश एक लंबी दीर्घकालीन प्रक्रिया है और इसमें इतना लंबा धैर्य बनाए रखना भी हर सामान्य व्यक्ति के लिए मुश्किल होता है।
निवेश शब्द में नि: यानी रहित और वेश का मतलब पोशाक, वस्त्र और आभूषण है। पोशाक-वस्त्र और आभूषण रहित ऐश्वर्य यानी निवेश। ऐसा ऐश्वर्य जिसमें कोई आडंबर, दिखावा अथवा सजावट-मिलावट न हो उसे ‘निवेश’ परिभाषित किया गया हैं। भाषा के विद्वानों ने गहरे अंतर्विरोध के बीच इस शब्द का चुनाव पूंजी निवेश के लिए किया हैं। ऐसा ऐश्वर्य जो दस-बीस साल की अल्पावधि के लिए नहीं, बल्कि हजारों साल तक बना रहे और उस ऐश्वर्य से समृद्धि के नए-नए द्वार खुलते रहें।
निवेश का इतिहास हमारे देश में अधिक पुराना नहीं हैं। करीब तीन-चार सौ साल पूर्व का ही समय रहा होगा, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने कारोबार को दुनियाभर में फैलाने की सोच बनाई थी।
‘बीएसई’ एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना आर्थिक राजधानी मुंबई में १४८ साल पूर्व १८७५ में हुई। इसकी पहुंच आज दुनिया के ४१७ शहरों तक फैली हुई है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज भारतीय शेयर बाजार के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। दूसरा एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है। भारत को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार में अपना श्रेष्ठ स्थान दिलाने में बीएसई की अहम भूमिका रही है। बीएसई सेंसेक्स की शुरुआत १०० अंकों के साथ १९७९ में हुई थी। सेंसेक्स में ३० कंपनियों की गणना मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज के आधार पर की जाती है।
निफ्टी ५० एनएसई द्वारा एक प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स है, जो इस प्लेटफॉर्म पर कारोबार करनेवाले ५० शीर्ष-प्रदर्शन वाले इक्विटी शेयरों को प्रदर्शित करता है। जो लोग लंबी अवधि और कम जोखिम के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए इंडेक्स म्यूचुअल फंड या ईटीएफ के माध्यम से निवेश करना सबसे अच्छा विकल्प है।
(लेखक आर्थिक निवेश मामलों के विशेषज्ञ हैं)