मुख्यपृष्ठस्तंभनिवेश गुरु : बाजार की गिरावट में निवेश का अवसर

निवेश गुरु : बाजार की गिरावट में निवेश का अवसर

भरतकुमार सोलंकी

साल २००८-२००९ की वैश्विक आर्थिक मंदी का दौर था। उस समय मेरे पास कई निवेशक आए, जिनके म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो की वैल्यूएशन में भारी गिरावट आई थी। इनमें से अधिकांश घबराए हुए थे और एक प्रमुख सवाल उनके मन में था- ‘अब क्या करें?’ एक निवेशक, जिन्होंने एसआईपी के माध्यम से निवेश शुरू किया था, मुझसे संपर्क कर बोले, ‘हमारा निवेश पहले ही आधा हो चुका है, फिर आप अतिरिक्त निवेश करने की सलाह क्यों दे रहे हैं?’
यह सवाल बिल्कुल स्वाभाविक था, खासकर उस वक्त जब बाजार में इतनी भारी गिरावट आई हो। लेकिन मैं उन्हें समझाना चाहता था कि गिरावट में भी निवेश का एक अलग गणित होता है। मैंने उन्हें विस्तार से बताया कि जब हम एसआईपी के माध्यम से निवेश करते हैं, तो यह एक लंबी अवधि का निवेश होता है। बाजार की गिरावट में हमें निवेश को जारी रखना चाहिए, क्योंकि उस समय यूनिट्स की कीमतें कम होती हैं, जिससे हमें अधिक यूनिट्स प्राप्त होते हैं। जब बाजार पुन: ऊपर उठता है, तो हमारे निवेश की वैल्यूएशन तेजी से बढ़ती है।
उस समय मैंने अपने सभी निवेशकों को सलाह दी थी कि घबराने की बजाय वे अपने निवेश को बढ़ाएं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब बाजार नीचे हो। यह उनके पोर्टफोलियो के लिए दीर्घकालिक लाभकारी सिद्ध होगा। निवेशकों ने न केवल अपनी एसआईपी राशि बढ़ाई, बल्कि कुछ अतिरिक्त राशि भी निवेश की। उन्होंने धैर्य बनाए रखा और बाजार की रिकवरी के साथ २०१४ में एक नई शुरुआत देखी, जहां उनके निवेश की वैल्यूएशन तेजी से बढ़ी। मार्वेâट में उतार-चढ़ाव आम बात है और ऐसे में घबराहट स्वाभाविक होती है। लेकिन सही वित्तीय दृष्टिकोण और धैर्य से हम इन गिरावटों को अवसर में बदल सकते हैं। यह अनुभव सिर्फ २००८-२००९ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कोविड-१९ की आर्थिक चुनौतियों के दौरान भी यही सिद्धांत काम आया। तब भी मैंने निवेशकों को सलाह दी कि वे बाजार में आई गिरावट से न डरें, बल्कि इसे एक दीर्घकालिक निवेश अवसर के रूप में देखें।
आज हम जिस तेजी के दौर में हैं, उसमें यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए धैर्य और दूरदर्शिता के साथ निवेश करें। बाजार की गिरावट को अवसर के रूप में देखना और उस समय सही पैâसले लेना ही स्मार्ट निवेशक की पहचान है। बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर चलते रहते हैं, लेकिन दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण और सही सलाह हमें इन चुनौतियों को पार करने में मदद कर सकती है। याद रखें, गिरावट के समय में सस्ते यूनिट्स खरीदकर हम अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों की नींव को मजबूत कर सकते हैं।
(लेखक आर्थिक निवेश मामलों के विशेषज्ञ हैं)

अन्य समाचार