भरतकुमार सोलंकी
निवेश जगत में ऐसा कहां, कब, क्या होता है? जब आपका एक रुपया ३० दिनों तक हर दिन दोगुना हो जाए या फिर वह ३० सालों तक हर साल दोगुना होता रहे। कहा जाता है कि पैसे से पैसा बनता है। लेकिन पैसे से पैसा तभी बनता है, जब आप उसका सही निवेश करना सीखेंगे। सही निवेश से मतलब उन जगहों पर निवेश करने से है, जहां से आपके पैसे को पावर ऑफ कंपाउंडिंग की ताकत मिले। आज अरबपति बनने का सपना हर कोई देखता है और ये मुश्किल भी नहीं है। अगर आप लंबे समय के लिए सही जगह पर उचित मात्रा में निवेश करें तो आपका ये सपना पूरा हो सकता है। निवेश जितनी कम उम्र में शुरू किया जाए, उतना ही अधिक दोगुना यानी डबलिंग दर बढ़ती जाएगी।
निवेश का बेहतर रिटर्न लेने के लिए आपको पावर ऑफ कंपाउंडिंग को समझना बहुत जरूरी हैं। चक्रवृद्धि ब्याज दर यानी पावर ऑफ कंपाउंडिंग के बारे में आपने स्कूल टाइम में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन आप इसकी ताकत को तभी पहचान सकते हैं, जब आप उन जगहों पर निवेश करें, जहां आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फायदा मिल सके। कंपाउंडिंग इंटरेस्ट में मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, जिससे आपका निवेश दोगुना से लेकर सौ गुना हो जाता है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान इस कड़ी में सबसे पहला नाम हैं एसआईपी का। आजकल इसे काफी पसंद किया जा रहा हैं। एसआईपी के जरिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश किश्तों में कर सकते हैं। एसआईपी में आप जितना लंबे समय के लिए निवेश करेंगे, उतने ही कंपाउंडिंग डबलिंग का फायदा ले सकेंगे। आमतौर पर एसआईपी पर अनुमानित सालाना रिटर्न १२ फीसदी माना जाता है। लंबी अवधि में १५ से १८ फीसदी रिटर्न भी मिल जाता है। समय की लंबी अवधि के साथ इसमें पैसों की कंपाउंडिंग यानी मूलधन डबलिंग दर भी बढ़ती जाती है, जिस तरह म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) है। इसके विपरीत निवेश को निकालने के लिए सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान (एसडब्लूपी) भी हैं, जिससे पैसों की निकासी करे तो आपको आपके मूलधन निवेश पर सौ गुना से लेकर दो सौ गुना डबलिंग करने का फायदा मिलता है।
नौकरीपेशा लोगों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर भी कंपाउंडिंग ब्याज दर २०२२-२३ के लिए ८.१५ फीसदी है। आमतौर पर बेसिक सैलरी का १२ फीसदी और इतनी ही राशि नियोक्ता की ओर से हर माह पीएफ अकाउंट में डाली जाती है। इससे रिटायरमेंट तक करोड़ में राशि इकट्ठी हो जाती हैं। पीएफ पर टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड भी टैक्स बचाने और बचत करने का पुराना और सुरक्षित साधन माना जाता हैं। पीपीएफ पर ७.१ फीसदी तक ब्याज मिल रहा है। पीपीएफ में १५ साल बाद मैच्योरिटी पर मिली राशि पूरी तरह टैक्स प्रâी होती है।
(लेखक आर्थिक निवेश मामलों के विशेषज्ञ हैं)