६ पुरुषों को अकोला में पकड़ा, आधार कार्ड किया निलंबित
सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार की `मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ में लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई इस योजना में धांधली सामने आई है। पुरुषों ने लाडली बहन योजना के लिए आवेदन किया है। ताजा मामले में अकोला के ६ पुरुषों का नाम सामने आया है। इससे पहले भी सतारा, पुणे जैसे कई जिलों में इस योजना में गड़बड़ियां सामने आई हैं। इस मामले को उजागर होने के बाद लाडली बहन योजना का लाभ वास्तव में महिलाओं को मिल रहा है या नहीं यह सवाल उठने लगा है। इस तरह की घटनाओं से योजना की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है, और सरकार इसे रोकने में असफल साबित हो रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, अकोला शहर के छह पुरुषों ने इस योजना के लिए आवेदन किया है, जो केवल महिलाओं के लिए है। यह गड़बड़ी तब सामने आई जब `नारी शक्ति दूत’ एप के जरिए उनके आवेदन की जांच की गई। अब इन व्यक्तियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और इनके खिलाफ कार्रवाई की जाने की संभावना है। इसके अलावा, इन छह लोगों के आधार कार्ड को महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने निलंबित करने के लिए निर्देश दिया है।
लाडली बहन योजना में कई गड़बड़ियां
इससे पहले, पुणे, सतारा, सांगली, छत्रपति संभाजीनगर और नागपुर में भी इसी तरह की गड़बड़ियों के ३० मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें लाखों रुपए की हेराफेरी की बात कही जा रही है।
चुनावी लॉलीपॉप है `लाडली बहन’ योजना
राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को आकर्षित करने के लिए लाडली बहन योजना का शुभारंभ किया है लेकिन धीरे-धीरे इस योजना के मकसद और इसे लागू करने के तौर-तरीके में खामियां खुलकर सामने आ रही हैं, जिसे लेकर स्वयं महायुति के नेता भी जमकर हमला बोल रहे हैं। कुछ नेता ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह योजना सिर्फ और सिर्फ चुनाव के लिए लाई गई है सरकार को बहनों से कोई प्यार नहीं है।