केंद्र की भाजपा सरकार चुनाव नजदीक आते ही लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कोई न कोई स्कीम लाती है। उस स्कीम से जनता को कोई फायदा हो या न हो, लेकिन भाजपा उसका फायदा उठाने का प्रयास जरूर करती है। अब देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं। इस बार केंद्र सरकार `वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हथियार बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के १०० दिन पूरे होने के बाद वैâबिनेट ने बड़ा पैâसला लिया है। `वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को वैâबिनेट से मंजूरी मिल गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे ध्यान भटकाने वाला करार दिया है। खड़गे ने कहा कि एक देश-एक चुनाव संभव नहीं है। बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है, ध्यान भटकाने के लिए है। चुनाव की वजह से ये सब किया गया है।
बता दें कि पीएम मोदी हर मौके पर `वन नेशन वन इलेक्शन’ की वकालत करते आए हैं। पीएम मोदी ने कहा था, `मैं सभी से एक राष्ट्र एक चुनाव के संकल्प को हासिल करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध करता हूं, जो समय की मांग है। १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए गए भाषण में वन नेशन-वन इलेक्शन का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
१८,६२६ पन्नों की रिपोर्ट
यह कमेटी इसी साल १४ मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। १९१ दिनों तक विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के बाद कमेटी ने १८ हजार ६२६ पन्नों की रिपोर्ट दी है। इसमें सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर २०२९ तक करने का सुझाव दिया गया है, जिससे लोकसभा चुनाव के साथ ही इनके चुनाव भी कराए जा सकें।