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महाराष्ट्र में बढ़ेंगे दंगे ऐसा दबी आवाज में बोला जा रहा है! अजीत पवार ने दी सतर्क रहने की चेतवानी

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में दंगे बढ़ने की संभावना है, ऐसा आजकल दबी आवाज में बोला जा रहा है। इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत है। यह चेतवानी विधानसभा के नेता विपक्ष अजीत पवार ने दी। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृह विभाग में मजबूत पकड़ रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम देखते हैं कि इन दिनों कुछ भी बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष जान-बूझकर महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों से ध्यान भटका रहा है।
कोल्हापुर के दौरे पर गए अजीत पवार ने पत्रकारों से बातचीत की। इस मौके पर जब पत्रकारों ने एक विधवा महिला पर अत्याचार होने के मामले में सवाल किया तो अजीत पवार ने कहा, जिनके हाथ में सरकार है, उन्हें प्रशासन पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए। गृह विभाग के मंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपने विभाग पर सम्मानजनक और मजबूत पकड़ रखनी चाहिए। पुलिस विभाग में गलत काम करनेवाले को डरना चाहिए। इसमें किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
अजीत पवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि दबी आवाज में कहा जा रहा है कि राज्य में दंगे और बढ़ेंगे। सभी को अपनी जाति, धर्म और पंथ पर गर्व होना चाहिए और किसी को भी ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे अन्य जातियों, धर्मों, संप्रदायों का अपमान हो या उनके प्रति घृणा पैदा हो, ऐसा आग्रह उन्होंने लोगों से किया।
२ हजार के नोट के अचानक बंद होने का कारण क्या है?
अचानक २ हजार का नोट बंद कर दिया गया है। अमीर लोगों के पास तो होंगे ही, लेकिन गरीब लोगों ने भी २ हजार का नोट संभालकर रखा होगा न? एक जैसे निर्णय क्यों बार-बार लिए जाते हैं। अचानक हुई नोटबंदी की वजह क्या है? उन्होंने यह सवाल उपस्थित किया। यह पैâसला देशहित में है तो ठीक है। पहले जब नोटबंदी हुई तो लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इस समय नोट बदलने की समय सीमा सितंबर तक है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इससे लोगों को परेशानी होगी।

महंगाई कम होगी क्या? रोजगार मिलेगा क्या? इस पर बात होनी चाहिए
भाजपा नेता व वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि राकांपा के विधायक टूटकर भाजपा में शामिल होंगे। इस पर सवाल पूछे जाने पर अजीत पवार ने कहा कि कौन, किस पार्टी में शामिल होगा, ऐसे दावे लगातार करनेवालों से-क्या महंगाई कम होगी? क्या युवाओं को रोजगार मिलेगा? पेट्रोल-डीजल के दाम कब कम होंगे? जैसे जनता के सवालों पर बात करना चाहिए।

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