सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र की महायुति सरकार के पास भले ही बहुमत हो, लेकिन यह एकजुट नहीं है। तीनों दलों के बीच आपसी खींचतान जारी है। भाजपा ने एकनाथ शिंदे के प्रभाव को कम करने की रणनीति पर काम जोर-शोर में शुरू किया है, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो गई है। अब उनके क्षेत्र में उनके घर के पास भाजपा के मंत्री जनता दरबार लगाएंगे और ठाणे में उनके लोग सीधे अपनी समस्या लेकर भाजपा के मंत्री के पास जाएंगे। इसका सीधा मतलब है कि शिंदे के क्षेत्र में भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। शिंदे के गद्दारी वाले पुराने कृत्य से सबक लेते हुए भाजपा ने उन्हें अब समेटने की योजना बनाई है। ठाणे में उनके खिलाफ गणेश नाईक को उतार दिया है इसीलिए नाईक ने ठाणे में जनता दरबार शुरू करने का एलान किया है। नाईक ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि यह सच है कि मैं ठाणे में जनता दरबार आयोजित करने पर अडिग हूं। यदि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार या उनके अन्य मंत्री यहां जनता दरबार आयोजित करते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। इसके विपरीत इससे लोगों की समस्याओं के समाधान में तेजी आएगी। यह स्पष्ट और दृढ़ रुख राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक ने नई मुंबई में व्यक्त किया। नाईक ने कहा कि चंद्रपुर जिले में ८ से १० बाघों के शिकार के मामले में अगले पांच दिनों में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।