पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। यह देश न सिर्फ आर्थिक तबाही से जूझ रहा है, बल्कि सियासी तौर पर भी इसे लकवा मार चुका है और आतंकवादियों के ताजे हमले ने कंगाली में आटा गीला कर दिया है। गृह युद्ध के दरवाजे पर खड़ी पाकिस्तानी जनता महंगाई के बाद अब शाहबाज सरकार के नए टैक्स से बेहाल है। खाने-पीने की चीजों के दाम भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो चुके हैं और अब कब्रितान में भी टैक्स लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। खबर के अनुसार, पाकिस्तान में सोमवार को कराची, लाहौर, इस्लामाबाद रावलपिंडी, पेशावर समेत पाकिस्तान के सारे शहरों में बाजार-दुकानें बंद रहीं। बेतहाशा महंगाई के विरोध में ये तालाबंदी की गई, दुकानदारों ने खुद अपनी दुकानें बंद कर दीं। बड़ी बात ये है कि कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक ने ये बंद बुलाया था और शाहबाज सरकार इसके आगे पूरी तरह सरेंडर दिखी। शाहबाज सरकार जनता से सुबह से रात तक जोंक की तरह टैक्स चूस रही है। बिजली पर सब्सिडी खत्म, पेट्रोल-डीजल पर डबल टैक्स, खाने की चीजों पर टैक्स, शादी पर टैक्स, शादी हॉल पर, यहां तक कि मरने के बाद भी टैक्स लग रहा है।
‘जितनी बड़ी कब्र उतना बड़ा टैक्स’
सरकार ने ऐलान किया है कि जितनी बड़ी कब्र उतना ही ज्यादा टैक्स होगा। पहले ही महंगाई ने पाक की जनता की जान निकाली है, अब मरना भी मुहाल हो गया है। गरीब आदमी आते हैं, उनके पास कफन के लिए भी पैसा नहीं होता। सवाल उठ रहे हैं कि लोग बिजली के बिल दें, या पानी के बिल दें या गैस के बिल दें या बच्चों को खाना खिलाएगा? पाकिस्तान के कब्रगाहों में हलचल बढ़ गई है और उनकी नाप-जोख हो रही है। टैक्स तय करने के लिए कब्रों की साइज नापी जा रही है। अब पाकिस्तान की जनता को इन हालात से कब छुटकारा मिलेगा, यह आने वाला वक्त बताएगा?