सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे का उपवन क्षेत्र अब पैदल चलने वालों और व्यायाम के लिए आने वाले नागरिकों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। बुधवार की रात तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से ४० वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। करीब डेढ़ साल पहले इसी सड़क पर एक हादसे में एक बच्चे की मौत हो गई थी। वहीं एक महीने पहले येऊर प्रवेश द्वार के पास कार की टक्कर से एक महिला का पैर प्रैâक्चर हो गया था। नागरिकों का कहना है कि लापरवाह वाहनचालकों की वजह से ठाणे में चलना मुश्किल हो गया है।
बता दें कि ठाणे शहर के उपवन, येऊर और वसंत विहार क्षेत्रों में सुबह ५ बजे से ८ बजे तक और रात के समय चलने और स्वस्थ रहने के लिए कई लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस सड़क पर ट्रैफिक बहुत कम है इसलिए यहां ठाणे और आस-पास के शहरों से भी पर्यटक छुट्टियों के दौरान और रात के समय में आते हैं। ऐसे में राहगीरों व धावकों की जान को खतरा होता है। इसलिए स्थानीय लोगों ने यहां पुलिस बंदोबस्त बढ़ाने की मांग की है। कुछ महीने पहले धावक राजलक्ष्मी रामकृष्णन को मुंबई स्थित वर्ली के सी-फेस इलाके में दौड़ते समय एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी। इस टक्कर में राजलक्ष्मी की मौत हो गई थी। उसके बाद ठाणे के २०० से अधिक धावकों ने ठाणे मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर और पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह के समक्ष धावकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था लेकिन आवश्यक उपाय नहीं किए गए।
तेज रफ्तार ने धावकों और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नागरिकों की जान जोखिम में डाल दी है। हमने पहले भी प्रशासन से शिकायत की थी। प्रशासन को नागरिकों को सुबह और रात में चलने के लिए कुछ सड़कों को उपलब्ध कराना चाहिए।
– महेश बेडेकर, धावक