- २४ की प्राकृतिक कारणों से, एक की पत्थर लगने से
- ढाई लाख भक्त कर चुके हैं हिमलिंग के दर्शन
सुरेश एस डुग्गर
बाबा बर्फानी के लिए भक्तों का जोश उफान पर है। हालांकि, खराब मौसम के कारण बाबा का दर्शन करना आसान नहीं है। खराब मौसम के कारण पहलगाम और बालटाल मार्गों पर दो दिन पहले अस्थाई रूप से निलंबित यात्रा कल फिर शुरू हो गई। अभी तक इस दुर्गम यात्रा में २५ भक्तों की मौत हो चुकी है। इनमें २४ भक्तों की मौत प्राकृतिक थी, जबकि एक महिला भक्त की मौत पत्थर लगने से हो गई। इस महिला तीर्थयात्री को बचाने की कोशिश में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
३० जून से शुरू हुई यात्रा में कल दोपहर तक ढाई लाख तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा में हिमलिंग के दर्शन कर लिए थे। अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण एहतियात के तौर पर रविवार तड़के दक्षिण कश्मीर में पारंपरिक नुनवान पहलगाम आधार शिविर और मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के बालटाल से यात्राएं अस्थाई रूप से निलंबित कर दी गईं थीं। कई जगहों पर फिसलन थी।
१५वां जत्था रवाना
अगर मौसम की मेहरबानी बनी रही तो एक सप्ताह में यात्रा तीन लाख का आंकड़ा पार कर जाएगी। यात्रा के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु व साधु जम्मू पहुंच रहे हैं। सोमवार सुबह जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से ६,२१६ श्रद्धालुओं का १५वां जत्था रवाना हुआ। अमरनाथ की यात्रा १ जुलाई से शुरू हुई थी। इस बार ६२ दिनों की यात्रा है, जो ३१ अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन संपन्न होगी। अधिकारियों ने बताया कि कल जो जत्था रवाना हुआ उसमें ४,२०४ पुरुष, १,८७१ महिलाएं, १६ बच्चे, ७८ साधु और ४७ साध्वियां शामिल थीं।
भीड़ से हिमलिंग पिघलने का खतरा
यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने हिमलिंग के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ा दिया है। इस भीड़ के कारण होनेवाली गर्मी से हिमलिंग के वक्त से पहले गायब होने की आशंका है। कई सालों से ऐसा देखने को मिल चुका है कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग समय से पहले भक्तों की सांसों के कारण लुप्त हो गया।
यात्रा पर मौसम की मार
अमरनाथ यात्रा रुक-रुककर हो रही है। जैसे ही मौसम खराब होता है, यात्रा रोक दी जाती है। मौसम में सुधार होते ही यात्रा शुरू हो जाती है। इस बार भी मौसम के ठीक होते ही तीर्थयात्रियों को दोनों तरफ के पड़ाव स्थलों से आगे बढ़ने की अनुमति दे दी गई। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दुमेल के रास्ते अमरनाथ गुफा तीर्थयात्रा के लिए बालटाल आधार शिविर से रवाना हुए। हालांकि, बारिश के कारण एहतियात के तौर पर उन्हें स्टापिंग प्वाइंट पर रोक दिया गया। मौसम में सुधार होते ही यात्रा फिर से शुरू हो गई। बारिश रुकने के बाद यात्रा पहलगाम के पारंपरिक मार्ग पंचतरणी और अन्य पड़ाव स्थलों से होते हुए फिर से शुरू हुई।